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षड्दर्शन समुच्चय, भाग-१, विस्तृत विषयानुक्रम
प्र. नं..
३८० ३८१ ३८३
३८७
३८७ ३८९
३५४
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३५७
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३६०
३९१
क्रम विषय श्लोक नं. २३३ माया-अविद्या की कुछ विशेषताएँ २३४ अज्ञान के एकत्व या अनेकत्व २३५ अविद्या का आश्रय एवं विषय २३६ सृष्टि प्रक्रिया २३७ ईश्वर की सृष्टि - सूक्ष्म प्रपंच २३८ लिंगशरीर २३९ विज्ञानमय कोश २४० मनोमय कोश २४१ पाँच कर्मेन्द्रियाँ और उसकी उत्पत्ति २४२ प्राणमयकोश-समष्टि लिंगशरीर २४३ व्यष्टि-लिंगशरीर २४४ स्थूल प्रपंच-पंचीकरण और स्थूलभूत २४५ प्रमाण विचार २४६ प्रमाण के प्रकार २४७(१) प्रत्यक्ष प्रमाण २४८ विषय-प्रत्यक्ष का निकष्ट लक्षण २४९ (२) अनुमान प्रमाण
- व्याप्ति का स्वरूप - अनुमान में एकविधत्व
- अनुमान के दो प्रकार २५० (३) उपमान प्रमाण २५१ (४) आगम प्रमाण
- आकांक्षा
- योग्यता २५२ आसत्ति-तात्पर्यज्ञान
- द्विविध पदार्थ २५३ (५) अर्थापत्ति प्रमाण २५४ (६) अनुपलब्धि प्रमाण २५५ प्रामाण्यवाद २५६ मुक्ति-मोक्ष विचार २५७ - मुक्ति का स्वरुप
पृ. नं. | क्रम विषय
श्लोक नं. ३५१ /२५८ मुक्ति के प्रकार ३५१ | - जीवन्मुक्त के लक्षण ३५३ /२५९ विदेहमुक्त के लक्षण ३५४ |२६० ब्रह्मसाक्षात्कार के साधन ३५४ | २६१ चार साधन
२६२ श्रवण ३५५ |२६३ मनन-निदिध्यासन ३५६ |२६४ समाधि ३५६ २६५ समाधि के दो प्रकार |२६६ सविकल्पक समाधि और
उसके दो भेद ३५८ २६७ निर्विकल्पक समाधि
|२६८ निर्विकल्प समाधि के अंग ३६१ २६९ ज्ञान की सात भूमिका ३६१ /२७० आत्मा में दृश्य का लय करने की शैली ३६४ /२७१ अद्वैत वेदांत में दृग् - दृश्य विवेक
___- माया में दो शक्ति है ३६७ २७२ अद्वैत वेदांत में भिन्न-भिन्न मान्यतायें
२७३ आभासवाद
- आभास के भेद ३६९ - आभासवाद की समीक्षा ३६९ - आभासवाद की विशेषतायें
- जीव और ईश्वर में भेद ३७० - आभासवाद का प्रयोजन ३७१ |२७४कल्पनावाद और आभासवाद ३७१ २७५ अवच्छेदवाद ३७२ |२७६ प्रतिबिम्बवाद
२७७ तीनों वाद की समीक्षा ३७५ /२७८ दृष्टिसृष्टिवाद ३७६ २७९ सत्ताविचार - तीन प्रकार ३७६ । - प्रातिभासिक सत्ता का स्पष्टीकरण
३९३ ३९४
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३६६
३९६ ३९८
३६८
३६९
३९८ ४०१
३७०
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