Book Title: Shaddarshan Samucchaya Part 01
Author(s): Sanyamkirtivijay
Publisher: Sanmarg Prakashak

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Page 683
________________ ५७० भासर्वज्ञ भाषा भिक्षु भुवन भू भूत भूतचतुष्टय भूधर भूमि भूरुह भेद्य भेरी भोक्ता भोगवञ्चना भोग्य भ्रमर भ्रमरमान भ्रान्तज्ञान [म] मकर मण्डूक मतानुज्ञा मति मतिज्ञान मत्त मत्यावरण मत्स्य मदशक्ति मदिरा मद्याङ्ग मधुर मन मन:पर्यय मनुस्मृति मनुष्यक मन्द मन्दतर मरीचिकुमार Jain Education International षड्दर्शन समुच्चय भाग - १, परिशिष्ट - ७, दार्शनिक-पारिभाषिक शब्द-सूची मुक्ति यज्ञोपवीत मुक्तिपथ याकिनीमहत्तर मुख यातना याज्ञिक मुखवस्त्रिका मुखनिःश्वासनिरोधका युक्ति युव योग मरुत् मरुमरीचिका मल मशक महदादि महातर्क महान् महानस महाभारत महावीर महाव्रत महासामान्य महेशिता महेश्वर मांसाङ्कुर माठर माठरप्रान्ते माठर भाष्य माथुरसङ्घ माधुकरीवृत्ति माध्यमिक मान मानवधर्म मानसज्ञान माया मायावी मायूरपिच्छ मार्ग मासोपवासी माष मात्राद्यगम्यागमन मिथ्यात्व मीमांसा मीमांसक मीमांसकमत मुक्त मुक्ताकण मुक्तात्मा मुण्डी मुण्डकोपनिषद् मुद्र मुमुक्षु मुर्खातुर मूच्छित मूर्तता मूलप्रकृति मूलसंघ मृग मृगचर्मासना मृदु मृतावस्था मृदु मेचकमणि मेरु मैत्र्य मोक्ष मोक्षतत्त्व मोक्षमार्ग मोहनीय मौद [य] यक्ष यजमान यजुः यथाख्यातचारित्रिन् यथानामनिर्गम यथार्थत्वविनिश्चय यदृच्छावादी योगजप्रत्यक्ष योगाचार योगभास्कर योगशास्त्र योगिप्रत्यक्ष योगिज्ञान योगी योषित यौग यौगाचार रजोहरण रत्नकरावतारिका रस रसन रसना रसनीय राशीकर रात्रिभोजन रुक्ष रूप रेवण रोग [T] रोमहर्ष रोलम्ब यव यवाङ्कुर यज्ञमार्गानुग For Personal & Private Use Only [ल ] लघु लज्जालु लवण लीलावतीतर्क लूता लैङ्गिक लोक लोकतत्त्वनिश्चय लोकतत्त्वनिर्णय लोकव्यवहार लोकस्वरूप लोकायत लोकालोक लोच लोचन लोचादिकायक्लेशकारी लीलीभाव वचस् वट वध [ व ] वध्यैघातकभावविरोध वनस्पति वन्ध्यास्तनंधय वर्ण वर्णब्रह्म वर्ण्य (समा) · वर्ण्यवर्ण्यसमा वर्तना वर्तमान वर्धमान वसिष्ठ वसु वाक्छल वाचकमुख्य वाचस्पति वाणिज्य वात वात्स्यायन वाद वादमहार्णव वामन वायवीय www.jainelibrary.org

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