Book Title: Shaddarshan Samucchaya Part 01
Author(s): Sanyamkirtivijay
Publisher: Sanmarg Prakashak

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Page 711
________________ ५९८ षड्. समु. भाग-१, मुनिश्री द्वारा संपादित-लेखित-संपादिक पुस्तक ग्रंथ-पुस्तक का नाम प्रकाशन वर्ष (१) षड्दर्शन समुच्चय भावानुवाद भाग-१ (गुजराती) वि.सं. २०६१ (२) षड्दर्शन समुच्चय भावानुवाद भाग-२ (गुजराती) वि.सं. २०६१ (३) धर्मसंग्रह सारोद्धार, श्रमण धर्म भाग-२ (गुजराती) वि.सं. २०६१ (४) तिथि अंगे सत्य और कुर्तको की समालोचना (गुजराती) वि.सं. २०६१ (५) तत्त्व विषयक प्रश्नोत्तरी (गुजराती) वि.सं. २०६२ योगदृष्टि से जीवन दृष्टि बदलीये (१) (गुजराती) वि.सं. २०६२ (७) त्रिस्तुतिक मत समीक्षा प्रश्नोत्तरी (गुजराती) वि.सं. २०६४ (८) त्रिस्तुति मत समीक्षा प्रश्नोत्तरी (हिन्दी) वि.सं. २०६४ (९) चतुर्थस्तुति निर्णय (सानुवाद) भाग १-२ (हिन्दी, गुजराती) वि.सं. २०६४ (१०) योगपूर्व सेवा (२) (गुजराती) वि.सं. २०६४ (११) शुद्धधर्म' (३) (गुजराती) वि.सं. २०६५ (१२) अध्यात्म शुद्धि (४) (गुजराती) वि.सं. २०६६ (१३) समाधि मृत्यु थकी सद्गति वि.सं. २०६७ सद्गति थकी भवमुक्ति (५) (गुजराती) (१४) षड्दर्शन समुच्चय भावानुवाद भाग-१ (हिन्दी) वि.सं. २०६८ (१५) षड्दर्शन समुच्चय भावानुवाद भाग-२ (हिन्दी) वि.सं. २०६८ (१६) षड्दर्शन सूत्र संग्रह एवं षड्दर्शन विषयककृतयः वि.सं. २०६८ (१७) आत्मानी त्रण अवस्था (६) (गुजराती) (मुद्रण में) वि.सं. २०६८ नोट : 'ऐ निशानवाले पुस्तक उपलब्ध नहीं है । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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