Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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२६२ ]
२६६८. प्रति सं० ४ पत्र सं० ३७ पा० १२४६
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बेटन सं० २४४ । प्राप्ति स्थान- दि० जैन मन्दिर अभिनन्दन स्वामी विशेष-सवाईमाधांपुर में मोदराने प्रतिपि की थी २६६६. प्रतिसं० ५। पत्रसं०] ६ ले०काल ० १६३५ पूर्ण बेन सं० २०४/५०२ । प्राप्ति स्थान- दि न संभवनाथ मन्दिर उदयपुर ।
विशेष-संवत् १६३५ वर्षे तथा नाके १४९६ प्रमाने मार्गसिर सुदी भनौ ० श्री निदासविद
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पुस्तक है।
२७०० घट दर्शन समुच्चय टीका- राजहंस पत्रसं० २२-२६ भाषा संस्कृत विषय| । । न्याय । २०काल X 1- जे०काल सं० १५१० प्रासीज बुदी ४ बेन सं० १३ प्राप्ति स्थानदि० जंन पंचायती मंदिर डोग ।
अपूर्ण
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२७०२. घट् दर्शन समुच्चय सटीक संस्कृत विषय स्याय १० काल X से० काल X जैन मन्दिर लश्कर, जयपुर
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२७०१ यद् दर्शन समुच्चय सूत्र टीका- X पण सं० ४५ ग्रा० ११३४५३ इव । भाषा – संस्कृत हिन्दी । र० काल X' । ले० काल स० १८१० वैशास बुदी । पूर्ण वेष्टन सं० २७ । प्राप्ति स्थान- दि० जैन मन्दिर, नामदी बूंदी
[ ग्रन्थ सूची- पंचम भाव
० का ० १९०१ । पूर्ण
२७०६. सप्तभंगी न्याय न्याय २० काल X से माल मन्दिर उदयपुर |
बूंदी
विशेष- प्रति अपूर्ण है। चौथा पत्र नहीं है एवं पत्र जी है ।
२७०३. षट् दर्शन के छिनव पाखंड - x 1 पत्र सं० १ । भाषा - हिन्दी गद्य । विषय-दर्शन र० काल X से काल X पूर्ण वेष्टन सं० ४०-१५६ प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर नेमिनाथ ढोडारायसिंह (टोंक)
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X । पूर्ण
प्रति सटीक है।
२७०४. सप्तपदार्थी - शिवादित्य । पत्र सं० १५० १२३ भाषा-संस्कृत विषय-दर्शन ० काल X से काल x पूर्ण वेष्टनसं० २४६ प्राप्ति स्थान भट्टारकीय दि० जैन मन्दिर अजमेर |
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२७०७. सप्तभंगी बन - X विषय स्वाय २० का X ते० काल x दीवान जी क मा । 2.J
२७०५. प्रति सं० २ । प० । ० ६४५ इव । ले० काल x पूर्ण वेष्टन सं० ६८० । प्राप्ति स्थान- उपरोक्त मन्दिर ।
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० ११४५३ इस भाषा
पत्र [सं० ७ पूर्ण
सं० १५ प्राप्ति स्थान दि०
| पत्रसं० १२ । ० पूर्ण बेटन सं० १०२
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- देवासम् स्तोष की व्याख्या है।
० २ ० १२४४ इन्च भाषा-संस्कृत विषयवेष्टन सं० ४५१ / २६२ प्राप्ति स्थान दि० जन संभवनाथ
११५ । भाषा-संस्कृत । प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर
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२७०८. सर्वज्ञ महात्म्य - ० २ भाषा संस्कृत विषय दर्शन र०का % | | - । X कालवेष्टन सं० ५० ६४० प्राप्ति स्थान दि० जैन संभवनाथ मंदिर उदयपुर । विशेष
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