Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 1419
________________ प्रय एवं अंधकार ] [ १३५६ ग्रंथकार का नाम नथ नाम ग्रंथ सूची प्रथकार का नाम ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची पत्र सं० पत्र सं० श्रीसिकर चरित्र सं० सुधासागर दशलक्षण प्रतोद्यापन पूजा हा०३० নালিশীল ঘা। पंच कल्याणक पूजा ० ४७१ सं०८४७ रावलियो गीत हि. साद्वय द्वीप पूजा १०२७ सं०६१ पाण्डे सिंहराज- स्तुनि पत्राशिका सं० सुप्रभाचार्य- संबोध दोहा हि०५८ १७.५७ भ० समतिकीर्ति --- दिनाथ विनती हि० सुखदेव-- आधुद महोदधि मा० ५५३, ९७४ कर्मप्रकृति दीका सं. ५ सुखसागर-- अष्टान्हिका रासो दिल गोम्मटसार टीका स०१६ चौरासी लाख जोलनी सुखानन्दपचमेह पूजा हि०८५६, वितती हि०७२४ १०७७ जिनवर स्वामी विनती हि० १०७६ हि. ९५२,११३४ सबामाबारहखडी हि १०६८ त्रिलोकसार बौपई हि. हि०६७७ संदरदास- कत्रित हि० ६५६, लोवय स्वरूप हि०६४४ पद हि ११०५, १५९६ धर्मपरीक्षाभाषा हि १२१ विवेक चिंतामणि हि धर्मपरीक्षा सस हि. ६३५ पंचसंग्रह वृत्ति सं १ विवेक चितवणी हि बलिभद्र हि०६८४ लोकामतनिराकरण रास सबैका हि० ६७८, सुमति विजय- रघुवंश काव्य वृत्ति मुन्दर शृगार हि सं० ३८१ सुमतिसागर- अष्टान्हिका पूजा हि सुदरलाल सूक्ति मुक्तावली माषा हि ७५ जिनगुणसंपत्ति मुनि सुधर सूरि- अध्यात्म कल्पद्रुम १८० व्रतोद्यापना सं० ६.७ वृहसपागच्छ गुरावली जिनसहन नाम पुजा 0 मं०६५५ १५ लहरी

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