Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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शुद्धाशुद्धि विवरण
पत्र संख्या
प्रशुद्ध पाठ
शुरु पाठ
66. Ex ANXNNN
देवेन्द्र बाद मगि देवन्द, जन्द्र गणि जयार्थ सभाज्य
समाय
प्रान निपलावति नियलावलि दियालीस हाणी बियालीस ठाणी सिद्धान्त
धर्म सदान्माये तदाम्नाये चांदशी चतुर्दशी दानमीन सप भावना दानशीन नप भावना दोवन जी दीनाननी प्रतिट रिणयारा प्रति उरिण्याग प्रति मं० २,३,४.५, प्रति सं० २(क) ३(क) ४(क)
५(क) ६(क) ७(क) दीरसेनामिधे : वीरोनाभिधेः चन्द्रप्रभा चत्वालये चन्द्रप्रभ चयालये बुद्धि बि....... बुद्धि दिलास तापि
में प्रतिलिपि भाषा संस्कृत भाषा-प्रात्रात
१.११,१३,१५,१७,१८
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२१४
महा-40
-महा लोकमत
लोकामत सागर धर्मामृत सागारधर्मामृत मंगसिर मुदी १४ मंसिर गुदी ५ ब्रह्म ज्योति स्वरूप बल्ल ज्योति स्वरूप द्वदशानुमोक्षा द्वादशानुप्रेक्षा रचलिका
वनिका सम्प्रक
सम्यक जयतु
२१६
२२२
२२२
जपतु
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