Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 1443
________________ शुद्धाशुद्धि विवरण ] ___[ १३८३ पत्र संख्या प्रशुद्ध पाठ शुद्ध पाठ ४३७ ४४८ ४८० ४८२ ४१२ ४६४ ५०८ म. नरेन्द्र कोनि आ. नरेन्द्र कीति भाषा-कथा भाषा-हिन्दी/विषय - कथा उदयसुर उदयपुर मैंडक नथमल -XI रत्नावती कथा रत्नावली कथा श्रतसागर श्रुतसागर चुनीराम वैद चुन्नीलाल यमाहा अनदेव कजिका व्रत कथा कांजिका प्रत कथा भीवसी धनराज श्रणिक श्रेणिक वादीभ कुमस्थ कादीभ कुभस्थ प्रति पोष प्रतिष्ठोदय स्वल्य स्वल्प गच उतें इतराय ते उद्धृत कातन्त्रत रूप माला कातन्त्र रूप मासा कृमन्द कृदन्त षष्ठि संवतत्सरी पष्टि संवत्सरी कषि चन्द्रका कृविचन्द्रिका जिन पूजा पुरदर जिन पुज! पुरंदर ६१५१ रामराम रामरास रामसीताराम रामसीतारास अरोपम प्रकोपम १६.४ १६७४ मुखधाम सुखथाय बिहाडी दिहाडी तथागच्छ तपागच्छ ब्र० सागान प्र. सांवल ज्ञान ज्ञात वशेष विशेष संग्रह द्रन्य राग्रह ग्रन्थ किशनदास दाचड़किशन ५२८ ५६८ ६५२ २५-२६ 두복두 ६७१

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