Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 1442
________________ १३८२ । [ शुद्धाशुद्धि विवरण पत्र संख्या प्रशुद्ध पाठ शुद्ध पाठ २२६६ २३० प्रकरण-प्रतिरोध समसार नाथूलाल रियाधिश संवराअनुमक्षा प्रयसहस्री समुन्न हरिचन्द्र प्रकरण प्रतिबोध समयसार নাম समात्रि संवरानुष क्षा अष्टसहस्री समुश्चय हरिमन्द्र कवि २४८ २६१ २६२ २६७ २६८ ३१३ मवि ६,७, १४ पुरत r Irr र भावा ३४८ ३५८ बढा बड़ा श्वेताम्बरनाथ श्वेताम्बराम्नाय पुस्तक भावा जानन्धर जीबंधर घन्कुमार घन्यकुमार संकृत संस्कृत तेरहपयो तेरहपंथी संकृत संस्कृत दि. जैन मन्दिर दि जैन मन्दिर बधेर वालों का बघर वालों का ग्रावा कविपण कवियण सवाई मानसिंह सबाई रामसिंह यशोधर यशोधर चरित्र-परिहानन्द जनसेन जयसेन र०कालx २० काल सं० १५८८ ले काल x १० कालx र० काज सं० १८३७ प्रति सं०७ प्रति सं. १ यशःकोति भ० यमःकीर्ति सुसाहु चरित्र सुबाहू चरित्र तजी तणी पादितवार कथा प्रादित्यवार कथा कालाका चार्य कथा कालकाचार्य कथा ३७१ r ४०१ G6 ४१७

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