Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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4. हितोपदेश के दोहे - X हिन्दी ६१-७२ । ६. टारह माता वन- कमलकीति | हिन्दी । ७५-८० । १०. चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न -X | हिन्दी ८०-८२ ।
११. हंतों के गुण वन X हिन्दी ८३-२४ ।
१२. नेमिनाथ राजमती संवाद - ब्रह्म ज्ञानसागर | हिन्दी | ६३-६४ ।
१३. पंचमंगल चन्द हिन्दी १४- १०४ ।
२४. विनती एवं पद संग्रह - X
१०२०५. गुटका सं० ५२
x पूर्ण
-
हिन्दी १०५ - १२४ ।
पत्र० १२
विशेष- चर्चाओं का संग्रह है ।
१०२०६. गुटका सं० ५३ । वसं० १०१ | ० ७६ इश्व । भाषा - हिन्दी | लेकाल सं० १९७१ १५ पूर्ण
विशेष – चम्पाबाई दिल्ली निवासी के पदों का संग्रह है जिसने अपनी बीमारी की हालत में भी पद रचना की थी और उससे रोग की शांति हो गई थी। यह संग्रह चम्पावत के नाम से प्रकाशित हो चुका है। १० २६ । प्रा० ६४५ भाषा - हिन्दी | लेकाल
इन्च
१०२०७. गुटका सं० ५४ । X पूर्णं ।
विशेष सामान्य पाठों का संग्रह है।
★ पूर्ण
१०२०८. गुटका सं० ५५ प ० १८१ ० ६६५ भाषा-संस्कृत-हिन्दी ले० काल सं० १९३१ । पूर्ण ।
विशेष – २० पूजाओं का संग्रह है। बड़ी पंचपरमेष्ठी पूजा भी है।
।
प्रा० ५३४३ इन्च भाषा - हिन्दी-संस्कृत
१०२०६. गुटका सं० ५६ पत्र सं० १६१
२०काल सं० १९१४ श्रावण सुदी २ पूर्ण
[ ग्रन्थ सूची- पंचम भाग
० ०४५२ इव भाषा संस्कृत लेकाल
विशेष - सामायिक पाठ, श्रावक प्रतिक्रमण, पंच स्तोत्र आदि का संग्रह है ।
१०२१०. गुटका सं० ५७ पत्रसं० १८३ सं० १०१७ पौष गुदी १३ । पूर्ण ।
विशेष- चौबीस तीर्थंकर पूजा रामचन्द्रकृत हैं।
१०२११. गुटका सं० ५६ 1 पत्र सं० ५४ | ० ६४५ इन्च । भाषा - हिन्दी । ले० काल
विशेष निम्न पाठों का संग्रह है---
१. पागा केवली - XI संस्कृत १-१७ २. पद संग्रह - x हिन्दी १८४४
० ५३ X ४३ इक भाषा संस्कृत काल
विशेष-पद एवं स्तोत्र तथा सामान्य पाठों का संग्रह है।
१०२१२. गुटका सं० ६० । ० ५१-१५३ ० ६३४३ इन्च भाषा - हिन्दी-संस्कृत | पत्र | । | ले० काल सं० १९२७ मंगसिर बुदी १३ पूर्ण