Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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ग्रंथानुक्रमणिका ]
[ १२७६
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..
५८६
सं०
हि.
प्रय नाम लेखक भाषा पत्र संख्या | ग्रंथ न म लेखक माया पत्र संख्या वैद्यकशास्त्र
शत्रुजय गीत गिरिस्तवन-केशराज हि ७६० वैद्यक समुच्चय
८६ शत्रुजय मित्र प्रवाह वैराकसार
शवजय तीर्थ महात्म्य-धनेश्वर मरि सं० १२०२ वैद्य कसार-हर्ष कीर्ति
शत्रुजय तोर्य स्तुति- ऋषभदाम हि ७६१ बंधक जीवन --मोलिम्बराज सं० ५८६, ५८७ शत्रु जय भास-विलास सुन्दर हि० ७६१ वैद्यकटीका--हरिनाथ
शत्रुजय मंडल सुट्टकर चकटीका-स्ट्रभट्ट सं. ५८८ शवू'जय मंडज
हि० ९५५ वैरायउपजावन अंग-चरनदास हि० १०५९श जयं स्तवन वन्य गीत
१०१६ | भानु जय राष- समय सुन्दर हिः ४२, वैराग्य भीत-२० यशोचर
१०२५ बरग्यपच्चीसी
हि० १०४७.
शनु'जय स्तवन-समयसुन्दर हि १०९ १०५६ शनिश्चर कन्या
हि. १०४२ वैशाप मारमासा जीतर चापाई हा
१०४६,१०७७, १११३ वराण वर्षमाला
शनिश्चर देव की कथा वैराग्यशतक प्राक
११५३ वैराग्य शतक-मानसिंह ठोल्या हि.
शब्दकोदा-धर्मदास वैराग्य शांतिपर्व ( महाभारत )
शब्दभेद प्रकाश
१२०२ वैराब षोडश-द्यानतराय
पद्धभेद प्रकारा-महेश्वर
५१६ बंभसेन सूत्र-वंगसेन
शब्दरूपावली वंदना जखडी
शब्दानुशासन-हेमचन्द्राचार्य सं०
शब्दानुशासन वृत्ति प्रा० सं०५४० पाकुन वर्णन
५६४
शब्दालंकार दीपक--पडिरीक रामेश्वर शकुन विचार
० शकुम विचार
शतश्लोक टीका-मल्लमट्ट सं० ३८८ शकुनावली-गौतमस्वामी
५६५
शतश्लोकी टीका-विमल्ल सं०८० शाकुनावली-गौतमस्वामी सं. ५६५ शकुनावली-गौतमस्वामी
शलाका पुरुष नाम निर्णय-मरत दास हि. १६५ हि० १४४,
शाकटायन व्याकरण-शाकटायन सं० ११६
१८२ शत अष्टोत्तरी कवित्त-भैया भगवतीदास शाङ्ग पर
सं०५१६ हि १००५ शाङ्गधर टीका शतक संवत्सरी
शाङ्गधर दीपिका-मादमल्न सं०५६१ शतपदी
सं० ६५५ | शाधर पति--शाङ्गीघर शतरंजक्रीडा विधि
हि०सं० १२०२ | शाझंधर संहिता-शानधर शत्रु'जय उद्धार-नयनसुन्दर हि. . शारङ्गधर संहिता-दामोदर
१०२३ शत्रुजय गीत
हि० १०२५ Jशारदीय नाम माला -हर्षकीति सं० ५४०
०
म
०
५१६
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