Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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ग्रंथ एवं ग्रंथकार ]
[ १३४५
ग्रंथकार का नाम नथ नाम गंथ सूची नथकार का नाम प्रथ नाम ग्रंथ सूची पन्न सं०
पत्र सं० प्रधन रासो हि० ६३३,
दश लक्षरण पूजा हि.
नेमिनाथ स्तमा हिर
६५५
___९६८, १०६३ भत्तामर स्तोत्र वृत्ति सं०
७८८ भविष्यदत्त चौपई (रास) हि० ३६३, ४६६,६४०,
पंच मंगल हि० ८७४, ६७४, १००५, १०४२, १०४८, १०६३, १०७५, १०७८, १०६६, १११४, ११३०, ११५०, १९६७
६६८, १६: ०१५ १०२०, १०३३, १४४३,
ESH
श्रीपाल रास हि० ६४२, १४०,६४२, ६६६, १०१३, १०१५, १.१६, १०६३ सुदर्शनरान हि०६४०, ६४३, १५६, १७६, १७८, ६६८, १.१३, ब्र० रूपजी१०१६, १०२२ हनुमंत कथा ( रास)
रूप विजयहि० १०७, ६४६, ६४०, ६४५, ६५६, ११०६,
रूपसिंह--
रेखराजमानानंद धावकाचार लक्ष्मण
परमार्थ गीत हि०६८ परमार्थ दोहा- हि. ६८२, शतक
१०३८ विनती हि०४६ समवसरण पूजा सं १९१०१३,११२० बारा ग्रार महाचौपईबंध
वि० ३५७ गानतुग मानबती चौपई
हि ११६५ प्रज्ञा प्रकाश सं०६८८ समवशरण पाठ सं०७६४ प्रकृत्रिम चैत्यालय विनती
भाः रायमल्ल
रुद्र भट्ट
रूड़ा गुरूजीरूपचन्द -
वंद्य जीवन टीका
लक्ष्मणदास- -
लक्ष्मण सिंहसं० ५०८
पं० लक्ष्मीचंद लावणी हि १०७५ प्रादिनाय मंगल
लक्ष्मीचन्दहि. ११०४ लक्ष्मीवल्लमछोटा मंगल हि० ११०५ अकड़ी हि १७८४,
पद हि० १०६२ सुत्रधार स ५० लक्ष्मीविलास हि. ६७४ वीरचन्द दूहा हि ६८३ लिथिसारथी सं० १११६ कालज्ञात भाषा हि
छंददेसंतरी पारसनाथ
हि. ७२५
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