Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 1391
________________ प्रय एवं अधिकार ] [ १३३१ प्रकार का माम पंचनाम नथ सूची ग्रंथकार का नाम ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची पत्र सं० पत्र सं० पारसदत्त विदरभी चौपई हि ४५ पुष्पदन्ताशर्य- महिम्न स्तोत्र सं० ७५४, पारसदास निगोश्या--ज्ञानसूर्योदय नाटक हि. ६०५ पूज्यपाद इटोपदेश सं.६३,१६०, पद संग्रह हि० ६६३, ६६८ ११५४, ११७३ पारस विलास हि०६६८ उपासकाचार सं०६६ सार चौबीसी हि० १७५ समाधितंत्र सं०२३४ पालबुद्धिप्रकाश रास हिल समाविशतक सं० २३६ सर्वार्थसिद्धि सं० ८१ पास कवि-- पार्श्वनाथ स्तुति सं० ७३४ पासचन्द सूरि- प्रादिनाथ स्तवन हि. मेघकुमार गीत हि० १७२ श्रावकविधार चउपई हि १८४, १०२६, १०५४. १०३७ पुंजराजसारस्वत टीका सं० ५२१ यशोधर परिउ सं. ३७३ पुन्यकोति- पुण्यसार चौपई हित ४६३ मुनि पूर्णभद्र - गुकुमाल चरिष अपभ्रंश पुण्यरतनमुनि-- नेमिनाथ रास हि० ६.३६, पृथ्वीराज- कृष्णरुक्मिणी वेलि ९ि० यादव रास हि० १४६ ११७५ पुण्यलामपोषहगीत हि०७३५ ज्ञानसार प्रा० ४१ पुण्यसागर प्रजना सुन्दरी च उपई हि. पोसह पाण्डे- दिगम्बरी देव पूश हि -: ९५५ पूनो.... साल्दालंकार दीपक सं० पुरुषोत्तमदेवपुष्पदन्त प्रश्नषष्ठिशतक काव्य पौंडरीक टीका स० २५६ शमेश्वरसुबाहु चरित्र हि ४१७ प्रकाशचन्द-- त्रिकाण्डकोश सं० ५३६ प्रतापकीतिआदिपुराण अपभ्रश २६६ महाराजा सवाई उत्तर पुराण अपघ्नश प्रतापसिंह-- २०२ जसहर चरिउ अपनश सिद्धक्षेत्र पूजा हि० ६३२ श्रावकाचार हि. ११३६ अमृतसागर हि ५७३ नीतिशतक हि ९५१ भर्तृहरि शतक भाषा हि ६१२ पार मंजरी हि० १५१ समयसार प्रकरण प्रा. २२६ गायकुमार चरिउ अपनश महापुगरण अपभ्रश २६४ प्रतिबोध

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