Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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प्रन्थ एव ग्र'थकार ]
[ १३३६
प्रथकार का नाम ग्रंथ नाम प्रय सूची प्रथकार का नाम गथ नाम ग्रंथ सूची पत्र स०
पत्र सं० लघु आदित्यार कथा हि महादेव
प्रसिद्ध लोक सं०
मनोहर शर्मामलयकीति
मल्लभट्ट--
मल्लिनाथ सूरि
शिक्षा हि १७८३
रत्नमाला सं० ५६७ श्रतोत्र टोका सं० ६०१
हिकमत प्रकाश सं० ५९२ सुगन्ध दशमी व्रत कथा
महादेवी -- लाभालाभ मन संकल्प हिक हि १०८९
५२ शतश्लोक टीका मं
महानन्द--- प्राणदा हि. ६६५ ३८८ महाराम
श्रीपाल स्तुति हि. कुमार संभव सटीक संक
११४८ मेघदूत टीका सं० ३७० महावीराचार्य- गणितसार संग्रह सं. रघुबंशा टीका सं० २८०
महासेनाचार्य---- शिशुपाल बध टीका सं०
प्रद्युम्न चरित सं० ३५२
० महतिसागर-.. आदित्यवत कथा हि. संग्रहणी भुत्र प्रा० १८ स्याद्वाद मंजरी रा० २६३ महिमा प्रमसूरि- अध्यात्मोपयोगिनी हि० भंड पगावती कल्प सं.
६२२ म० महीचन्द- आदित्यवार कथा हि पक्षिणी कल्प सं. ६२३
११६४, ११६६ विद्यानुशासन सं० ६२३
चैत्यालय बंदना हि नागकुमार चरित्र सं०
११३३, ११६२ ३४३, ४५०
पंचमेरु पूजा हि० ११२३ सज्जननित्तवल्लम सं०
पुष्पांजलि पूजा सं० ८६६ ६१.४, १०८०, १०८२,
लवांकुश षट्पद हि
मल्लिषेण सूरि
मल्लिषेश
मल्लिषेण
मातृका निघंटु सं० ६२२ तद्धित प्रक्रिया सं० ५१३ महीभट्टी काव्य सं०
भ० मल्लिभूषण- धन्यकुमार चरित्र सं० ।
महीधरव्रत कथाकोश सं० ४७०
महीभट्टी-.. महिललागर- अकृत्रिम चैत्यालय पूजा
सं० ७७७ मलूक
शील रत कथा हि० ४८३ महाचन्द्र - पंचाशत प्रश्न स० ५५१ महाचन्न
तत्वार्थसूत्र भाषा हि०५१ त्रिलोकसार पूजा हि
२१ महेन्द्रकीति
महीमट्टी याकरण सं.
सारस्वल प्रत्रिया वृत्ति सं.
पद
हि० ११५२
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