Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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नन्य एवं ग्रंथकार ]
। १३२७ ग्रंथकार का नाम ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची प्रकार का नाम प्रथ माम प्रभ सूची पज .,
पत्र सं० मा० नरेन्द्रकोत्ति- गुरुस्तबन हि० ११७५
कल्याण मन्दिर स्तोत्र चन्द्रप्रभ स्वामिनो विवाह
वृत्ति सं. ७२० (राज.) ४३७
विषापहार स्तोत्र टीका दोपदीशील गुणरास ___(राज.) ६३४ नागराज- ।। पिशालशास्त्र प्रा. ५९४ सगर प्रबन्ध हि० ४२१ नागराज
बजारा सोहि नरेन्द्रसेनप्रमाण प्रमेयकलिका सं.
भावशतक सं० १४७, प्रा. नरेन्द्रसेन- प्रतिष्ठा तिलक सं. ८८७
७५१, ११६३ (पण्ठिताचार्य) सिद्धान्तसार
नागरीदास- कवित्त दि. १०६६ ___संग्रह सं०७
पं० नाथू-- पद हि. ११०८ सम्यक चरित्र पूजा सं ०माथ
श्रमजी की डोरी हि. ६६०,१०५.
१०६२ क्षमावनी पुजा सं.
पारसनाथ की सहेली दि.
२५६ नागराज
पंचमी अतोनापन पूजा
सं० ८५८ रत्नत्रय विधान पूजा सं.
नायूराम
रसायन काव्य सं० ३८२ नाथूराम कायस्थ- ज्योतिषग्रन्थ भाषा हि.
नल्ह
नवरंग
नवलराम -- नवलशाह
नाथूराम दोसी -- चर्चाशतक टीका हिः २७ पचितगुण प्रकाश हि
समाधितन्त्र भाषा हि. १०८१ परमहंस संवोध चरित्र
२३८
सुकुमालचरित्र हि० ४१३ वर्द्धमानपुराण भाषा २९८ नाथूराम लमे - जम्बू स्वामी चरित्र हि. वर्तमानपुरामा हि - २६६ नारचंद्र
नारचन्द्रज्योतिष सं. जैन पच्चीसी हि. १७७७
५५०, ११८६ ___ पद हि० १०४७
ज्योतिषसार सं० ५४८ बारह मावना हि० १०७८ नारद
पंचदशाक्षर सं० ५५१ .५७ पंडिताचार्य नारायण-पारिजात हरण सं. सरवंगसार संत विचार
हि. २४६ नारायण-- प्रमन्तवतोद्यापन सं.७८३ एकीभाव स्तोत्र वृत्ति सं.
वृषभदेव स्तवन हि
नवल
नवलराम
नागचन्द्र सरि-
७१४