Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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१२२२ ]
[ अन्धानुक्रमणिका
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प्रा०
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प्रय नाम लेखक भाषा पत्र संख्या । नव नाम लेखक भाषा पत्र संख्या संड प्रशस्ति श्लोक
सं० ११७७ गर्भचक्रवृत संख्या परिणाम प्रा०१२ गर्भ बंधन
सं. १९१६ | गर्भषडारचक्र—देवनन्दि सं० २०
१०१८ गर्ग मनोरमा-गर्ग ऋषि सं० ५४२ | गरुड पुराणा गज सृकुमाल चरित्र
सहप्रतिक्रमण सूत्र टीका-रलशेखर गरिए गज सुकुमाल चरित्र-जिनसूरि हि. ३१८
सं० १०५ मंगसिंह कुमार परित्र-विनयचन्द्र सूरि
गृह प्रवेश प्रकरण
हि० १११५ सं० ३१६
गृह शान्ति विधि -- मान सहि मार ७९६ गजसिंह चौपई–राजसुन्दर हि ४३ | गाथा लक्षण गणधरवलय पूजा .
गिरिधर की कडनिया
१९५५ १००७, १००८, ११३६ गिरधरानन्द गाधरवलय पूजा हि ७६४ | गिरनार पूजा
१०४३ गणधरवलय पूजा
गिरनार पूजा-हजारीमल हि ७६५ मरगघरवलय पूजा
गिरनार बीनती गणधरवलय पूजा विधान
गिरनारी गीत --विद्यानन्दि
१७८ मगधरवलय पूजा-शुभचन्द्र हि १०८५ गीत-प्रतिशत गणधरवलय पूजा-म० सकलकीर्ति स. ११६०, | गीतमणीति
१०२६ ७६४ गीत-विनोदीलाल
६१ गणपरबाद -विजयदास मुनि हि १०२६ गीत मोविन्द-जयदेव
७२० गणधर विनती
हि० ११३८ गीत सलूना-कुमुदचन्द
११५६ गणपति नाम माला सं० १११७ गीता लत्वसार
१७३४ गणपति मुहुर्त-रावल गणपति सं
गुरणकर ण्ड गुणावली-ऋषि दीप हि.
६५६ गणपति स्तोत्र
स० १०६८ गुणघटित विचार गणसुन्दरी व उपई-कुशललाभ राज ४३६
गुरगासागीत-ब्रह्म वर्द्धन
६५२, गरिएतनाममाला-हरिदास
११७८ गुरगाणा चौपई-वीरचन्द
११३७ गणित शास्त्र
हि १०३३, गुण्ठागा वेलि-जीवावर
११३५
गुरगतीसी भावना गणित सार–हेमरान हि० ११७८ गुरगतीसी सोवना गरिणःसारवस्तु संग्रह- महावीराचार्य सं० ११७८ । गुणदोष विचार गणेश स्तोत्र सं० १११२ | गुणमाला
१०१७ गतवस्तुशान
सं० २०४० गुणमाला-ऋषि जयमल्ल हि. गर्भचक्रवृत
५४३ | गुणरत्नमाला-मिश्रभाव
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