Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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१२२८ 1
[ ग्रंथानुक्रमणिका
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प्रय नाम लेखक भाषा पत्र संख्या | प्रथ नाम लेखक माषा पत्र संख्या चौधहिया निकालने को विधि सं ५४४ | चौवीस वारणा संस्कृत
३४,६५३ बौढाल्यो-भृगु प्रोहित १० ११८०
६६०,९६३.१०५८ चौदस क्या-टीकम
हि- ६६५ ! चोवीस ठाण गाथा प्रा१००१ चौदह गुरणस्थान चर्चा हिन्दी ३२ चौवीस ठरला मर्चा
हि०३८,६५७ चौदह गुणस्थान वचनिका-प्रखपराज श्रीमाल
___LE५,१०१६.१०२८,१०४६,११५६
राज. ३२.६३ | चोवीस ठाणा चर्चा ...तमिचन्द्राचार्य प्रा. मग चौदहमुपधान वर्णन-नेमिचन्द्राचार्य प्रा०
२४,३५,३६,३७,१०८०
चौवीस ठाणा पीठिका चौयह मार्गमा टीका हिन्दी
चौवीस तीर्थ'कराष्टक हिम चौदह विद्या नाम
११८०
चौबीस तीर्थ कर पुजा-बख्तावरसिंह हि. ११३१ चौबोली लीलावती कथा-जिनचन्द हि० ४३९
चोवीस सीथं कर पूजा-बख्तावरलाल हि.... चौरासी प्रासादन दोष
हि १०६६
पौबीस तीर्थ कर पूना-जवाहरलाल हि. ५०० चौरासी प्रामाइना
चौबीस तीर्थ कर पूजा-चुन्नीलाल हि ५०० चौरासी गोत्र
चौबीस तीर्थ कर पूजा-देवोदास हि. ८०१ चौरासो गोत्र वर्णन
चोवीस तीर्य कर पूजा-मनरंगलाल हि. ०१
चौबीसकर पूजा-रामचन्द्र हि. ८०१ चौरासी गोत्र विवरण
२०२,८०३. ८०४, ८०५ चौरासी जयमाल (माला महोत्सव)-विनोदी लाल
चौबीस लोय कर पूजा-हीरालाल हि. ८०२, चौरासी जाति की उत्पति
चौबीस तीर्थ कर पूजा--श्रीलाल पाटनी हि ८०१ चौरामी जाति जयमाल
चौबीस तीर्थ कर पूजा-पावन चौरासी जाति को जयमाल- गुलाल
दि० २०६
८.७,८०
चौवीस तीर्थ कर पूजा- सेवा हि. ८० चौरासी जाति जयमाल-न० जिनदास
हि. १९५२
चौतीस तीर्थकर पूजा-सेवाराम हि ८० चौरासी जाति की पिहाडी
८०४८१०.१०३६ चौरामी बोल
जौबीस तीर्थ कर भावना-यशकति दि१०२५
११३३.६६० । नौबीस तीर्थ कर पूजा-रामचन्द्र न. १००१ चौरासी लाख जोनना विनती-समतिकीट
हि०७२४ | चौबीस सीध कर पूजा-वृंदावनदास हित ६६ बोवनी लीला हि- १०६६
११८० चौबीस प्रशिप बीननी हि० ११३८ | चौबीम तीर्थ कर पूजा-सेवाराम हि १०३१ चौदह गुण-21 चर्चा ...मोचिदवास दि. ३४ चौबीस तीर्थ करों के पंचकल्याणक हि० -१० बौबीस ..न भाई-कमलकीत हि. ११३२ | चौबीस तीर्थकर चकल्याणक -जयर्काति चौबीस जि. पुजा-वोदास हि ११२. |