Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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११६६ ]
१९. भैरव मानभद्र पूजा एवं शान्तिदास
स्तोष
० नवग्रह पूजा
२१. क्षेत्रपाल पूजा
२२. मुरावल
२२. जिनामिषेक विधान
२४. सष्ठ पूजा सप्तर्षि
२५. पुण्याहवाचन
२६. देवसिद्ध पूजा
२७. विद्यादेवतान
२. चतुर्विंशतिपद्मावती
स्थापित पूजा २१. जिनसहस्रनाम
२०.
३१- छप्पय
३२. चौबीसी
३३. लवांकुशषटपद ३४. रविव्रत कथा
सुमतिमार
सोमदेव
X
प्राशावर
X
जिनसेन
X
जिनसागर
रत्नचन्द
भ० महीचन्द्र ब्रह्म निदास
३५. पचकल्याण
३६. अनन्त व्रत कथा
X
३७. यन्तरीक्ष पार्श्वनाथ स्तवन X
भूलना
३८. मां ३६. कवित्त
४०. भवबोध
X सुन्दरदास X
X
काष्टारांची भ० भरेन्द्रन
X
श्रीपण
शुभचन्द
X
संस्कृत
[ प्रत्य सूची पंचम भाग
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२५४
संस्कृत २६१
संस्कृत गद्य २६७
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हिन्दी
र० काल सं० १६७६
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२७४
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संस्कृत २८०
२६२
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हिन्दी
२४६
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३०७
१३४
३४३
३७४
३७६
२८२
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४१०
विशेष पूजा स्फोष पद एवं अन्य पाठों का संग्रह है गुटके में पूरी सूची दी हुई है। १०३४१. गुटका सं० ५६ वेष्टन सं० २५०-१३२ ।
। विशेष – निम्न पाठों का संग्रह है।
१. रत्नत्रय विधान
२. बृहद्स्पन विधि—
३. गुरु अष्टक
४. कर्मदहनपूजा
५. जलयात्रा विभि
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४७०
४५०
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हिन्दी ४३१ पत्र पर
४६१
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४१. भगवद् गीता
४९१-५६५
१०३४०. गुटका सं० ५८
पत्रसं० ३७७ १ ० ४८४३ इव । भाषा - हिन्दी-संस्कृतप्राकृत | से० काल X पूर्ण वेष्टन सं० २५१-१३३ ।
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