Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटका संग्रह ]
[ १११३
१०१५०. गुटका सं० ३७ पत्र ०८२ श्र० ५X४३ इञ्च । भाषा - हिन्दी-संस्कृत । पूर्ण बेटन सं० ०३
१. पद संग्रह २ पूजा पाठ संग्रह
३. शनिवार की कथा विक्रम ने काल १८१६
५१ प
काल १०१६
४. सूर्य स्तुति-हिन्दी विशेष - हीरानन्द सौगाणी ने प्रतिलिपि की थी।
५. नवकार मंत्र - सालचन्द- - ले० काल १८१७ ६. सुरज जी की रसोई ७ चोपई
कवित
६. सउझाय १० पद
१०१५१. गुटका सं० ३८ पत्रसं० ४१-८६ । ० ६६४४३ इव । भाषा - हिन्दी | | वेष्ट
विशेष नित्य पूजा पाठ संग्रह है।
।
। - ।
१०१५२. गुटका सं० ३६ पत्रसं० २००९ इस भाषा हिन्दी-संस्कृत पूर्ण वेष्टन सं० ८०
विशेष- बाल सहेली शुक्रवार की तरफ से चढ़ाई गई नित्य नियम पूजा की प्रति सं० १९७८
पूर्ण ।
१०१५३. गुटका सं ४० चतुविंशतिपूजा - जिनेश्वरदास | पसं० ८७० ६७ इव भाषा - हिन्दी ने काल सं० १९५६ | पूर्ण विधिकाल १६२१०८०६ । । । । सं०
विशेष – (जिनेश्वरदास सुजानगढ के थे।)
प्राप्ति स्थान - दि० जैन मन्दिर फतेहपुर शेखावाटी (सीकर)
१०१५४. गुटका सं० १ ० ८८ पा० ६५३ भाषा - हिन्दी ले कान X
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१. पद संग्रह
२. विनती (सही जगत गुरु )
३. पद संग्रह
४. हे पद
५. पद संग्रह
६. स्वप्न बत्तीसी
विशेष- ३४ पद्म है।
नाम भी दिया है ।
X
भूधरदास
सुन्दरदास
भगौतीदास
पत्र १-४
पत्र ४-५
पत्र ५-१०
पत्र १०-११
पत्र १२-६२
पत्र ६२-६५
७. पद संग्रह
पत्र ६६-६८८
विशेष – विभिन्न कवियों के पद हैं। पदों का पच्छा संग्रह है। पदों के साथ राम रागिनियों का