Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटका संग्रह ]
चेतनपुल धमाल
पद
पद (राजमति)
पूजा
चूनड़ी
ससिवारास
नेमीश्वरस
कोल्हा महाद्वीप
विशेष- रचनाकार संबंधी पद्य भिन्न प्रकार है
अबधु वधू परीक्षा (अवानुषं क्षा)
रोस की पाथडी
जय जय स्वामी पापडी
पंडित गुण प्रकाश
चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न
मनकरहारास
बटोला
हिंदोला
पंचेद्रियबेलि
वृचराज
बल्ह (वृचराज)
वृचराज
पदमवन कथा
कथा संग्रह
परमात्मप्रकाश पाशो के बली
धन्यकुमार चरित्र
ब्र० रायमल्ल
० दीप
विशेष प्रदीप टोटा भीमसेन के रहने वाले थे ।
० धर्मदास
हिन्दी
पल्हण
नल्ह
भैरवदास
ठक्क रसी
मलकीति
जसकीति
योगीन्द्र
हिन्दी
19
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下
रमौर की तलहटी जी रखपुरु साधय वासु । नेमिनाथु को देहूरोजी बंभ दीप रवि रासु
यह संसारु प्रसार किव होतं भवपारु । हो स्वामी ||२५||
हिन्दी
37
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17
अपभ्रंश
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[ १०८६
रइव
अपभ्रंश
१०००१. गुटका सं० १० । पत्र सं० १०३ | ०६३x६३ इञ्च । भाषा संस्कृत-हिन्दी । ले० काल x संपूर्ण वेष्टन सं० ३३०
विशेष- मुख्यतः निम्न पूजाधों का संग्रह है-
गणपरवलय पूजा, वीस चौबीसी पूजा,
धरणेन्द्र पद्मावती पूजा योगन्द्र पूजा, सप्त ऋषि पूजा, जलयात्रा, व हवन विधि श्रादि हैं ।