Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
View full book text
________________
गुटका
संग्रह
( महारकीय दि० जैन मन्दिर अजमेर )
भविष्यदत्त राम
सुदर्शन शस
श्रीपाल रात
९१३७. गुटका सं० १ ० ७० पा० १२x९३ इन्च भाषा हिन्दी मे सं १०३४ माह मुदी पूनसं० २३१ प्राप्ति स्थान- भ० दि० जैन मन्दिर पजमेर | विशेष – विभिन्न पाठों का संग्रह है। मुख्यतः वालों की उत्पत्ति ८४ गोष तथा निम्न
रास हैं ।
६१३८. गुटका स० २ ० १३१ ० ११५ । भाषा संस्कृतप्राकृत काल X पूर्ण वेष्टनसं०] ४२ ॥
६१३६. गुटका
नेगाल X पूर्ण वेष्टन ० ११६ ।
विशेष – सामान्य पाठों का संग्रह है गुटका प्राचीन है।
I
61
ब्रम
सं० ३ | पत्रसं० १६८
से० काल X अपूर्ण वेष्टन ० २२७ ।
विशेष - पूजा पाठ संग्रह है ।
11
विशेष- ब्रह्म रायमल्ल कृत विभिन्न रासाओं का संग्रह है।
१४०. गुटका सं० ४ । पत्र सं० ११५ ० ६३९५ इञ्च । भाषा संस्कृत हिन्दी |
१९४१. गुटका सं० ५ प
११७३ चेत सुदी ५ पूर्ण वेष्टन सं० २४१ | विशेष – हिन्दी पदों का संग्रह है।
११४३. गुटका ७ पत्र
पूर्ण येथून सं० ३६३
विशेष
मुख्य पाठ निम्न प्रकार है---
नाम प्रय
१- मधु मालती कथा -
१४२. गुटका सं० ६ वेष्टन ०२४२ ।
विशेष विविध पूजामों का संग्रह है।
० ८८ इव । भाषा - हिन्दी । र०काल X ।
० ७६ ० ६x४३ इ भाषा हिन्दी ० का ०
० ० ० ६४३ भाषा हिन्दी का
१२८ ०८:४४ भाषा-हिन्दी ले०का सं० १०००१
नाम
चतुर्भुज
भाषा
हिन्दी
मे० काल सं० १८०७ ॥