Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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९१५०. गुटका सं० र०का x का पूर्ण
विशेष - प्रति जीयां है। पूजा पाठ संग्रह है ।
[ प्रभ्य सूची-पंचम भाग
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१४ पनसं० ६ ० ५०८५ ६ भाषा - हिन्दी-संस्कृत । वेटन सं० २०८
१५१. गुटका सं० १५ पत्रसं० २०० प्रा० ६३ ४ ६३इच भागा - हिन्दी-संस्कृत ।
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१५१ ।
ले काल नं०] १०१२ पूई वेष्टन सं० विशेष स्तोत्र एवं सामान्य टव्वार्थ सहित विचारटिका म्यार्थ धर्मनाथ स्तवन, (श्रादधन) ।
गुटका श्वेतांबरीय पार्टीका
६१५२. गुटका सं० १६ । पत्र सं० १६८ । प्रा० ६४६ इव । भाषा-संस्कृत । ले० काल X पूर्ण वेटन ० ५५३ ।
विशेष – पूजा पाठ संग्रह है । गुटका जी है !
पाठों के अतिरिक्त क्षमा बत्तीसी (समय सुम्दर), जीव विचार पद संग्रह (भव सागर) सीमंधर स्तवन (कवि कमल जिम).
६१५३. गुटका सं० १७ X | पत्र सं० ३३ ॥ श्र० ५ X ३ इव । भाषा - हिन्दी | ० काल स० [१७७४ चैत सुदी ११ । पूणं । वेष्टन सं० ५५४ ।
विशेष – निम्न पाठों का संग्रह है
१ – शत्रु जय रास
२ मंडोवर पार्श्वनाथ स्तवन ३ - ऋषभदेवस्तवन
११५४. गुटका सं० १८ ० काल सं० १५७५ भादवा सुदी ३ । पूणं । वेष्टन सं ५५५ ।
पत्र सं० ७३ । ०२५५ भाषा-संस्कृत
विशेष --- विभिन्न ग्रंथों में से पाठ है सामान्य पाठों का संग्रह है ।
इन्च
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समयमुन्दर सुमति हेम
६१५५. गुटका सं० १६ । पत्रसं० १४४ ० ६६
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ले० का ० १८०७ पूर्ण वेग सं० ५५७ ॥
भविष्य दत्त कथा श्रीपाद राख
विशेष निम्न पाठों का संग्रह है ।
भक्तामर एकीभाव, सूक्तिमुक्तावली नीतिक (हरि) तक (हरि) कवित्रिया
(केशवदास ) !
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भाषा - हिन्दी-संस्कृत
१५६. गुटका सं० ० २० पत्र सं० ६७ । भा० ११९७ इव । भाषा प्राकृत संस्कृत | ० काल पूर्ण वेष्टन ०५८
विशेष - सामायिक आदि सामान्य पाठों का संग्रह है।
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१५७. मुटका सं० २० पत्र सं० १४०० ११३७३ इन्च भाषा - हिन्दी] | से० | । काल सं० १८१८ फागुण मुदी २ पूर्ण वेष्टन सं० ५५२ ।
निम्न पाठों का संग्रह है
व्र० रायमल्ल