Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटका संग्रह ]
विशेष- निभ्न पाठों का संग्रह है
चन्द्रगुप्त के सोलह स्वच्ण, धर्मनाथ से स्तवन (शावर) उपदेश पच्चीसी (रामदास ) शालिभद धन्ना चपई ( गुणसागर ) |
४०१. गुटका सं० २६४ पत्र [सं०] १०० प्रा० X ६ इन्च भाषा हिन्दी ० काल X | पूर्ण । वेष्टन सं० १५१५ ।
विशेष गुणस्थान चर्चा एवं अन्य पाठों का संग्रह है।
६४०२. गुटका सं० २६४ । पत्रसं० १२४ | आ० ७४५ इव । भाषा - हिन्दी । ले० काल सं० १८८० पौष सुदी ५ पूर्ण वेष्टन सं० १५१६ ।
विशेष- मुख्यतः रसालुकंवर की वार्ता है।
६४०३. गुटका सं० २६६ । पत्र सं० १३० । ० ६३४४३ इश्व | भाषा - हिन्दी ले० काल x पूर्ण बेन मं० १५१७ ॥
विशेष- विभिन्न कवियों के हिन्दी पदों संग्रह है । ६४०४. गुटका सं० २६७ । पत्र सं
X पूर्ण वेष्टन सं० १५१८ ।
विशेष – ज्योतिष सम्बन्धी साहित्य है |
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वाहिली
विशेष-शालिभद्र चौपाई के अतिरिक्त विभिन्न कवियों के हिन्दी गदों का संग्रह है। ४०६. गुटका सं० २६६ । पत्र सं १४४ । ग्रा० ६३४६ इञ्च । X पूर्ण वे न सं० १५२० ।
विशेष विभिन्न कवियों के हिन्दी पदों का संग्रह है ।
६४०५. गुटका सं० २६६११०२२३
१२७ । श्र० ६ X ५ इव । भाषा - हिन्दी । ले० काल
★ पूर्ण न सं० १५१६ ०
रोकाल
भाषा हिन्दी सेकाल
६४०७, गुटका सं० २७० सं० २०२० ५३x४५ इश्व भाषा संस्कृत-हिन्दी ले० काल सं० १६६० पूर्ण । वेष्टन सं० १५२२
विशेष पूजा एवं ब्रह्म समभाव त मेमि निर्वाण है।
प्राप्ति स्थान --- दि० जैन मन्दिर नागदी पूदी |
६४०८, गुटका सं० २७१ पत्र सं० १४० । ० ८६ इव । भाषा - हिन्दी | ले० काल x । पूर्णं । वेष्टन सं० १५२३ |
विशेष सामान्य पाठ एवं आयुर्वेदिक नुस्खे हैं।
६४०६. सुटका सं० १ । पत्रसं० १९५३ ० ५४५ इव । भाषा - संस्कृत - हिन्दी | ०कास X पू वेष्टन [सं०] १६३ ॥
विशेष पूजा पाठ संग्रह है।