Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पूजा एवं विधान साहित्य ]
८६०७ पूजा संग्रह - X विषय-संग्रह २० काल X। ले०काल X राजमहल (टोंक)
[ ८८७ पत्र० २ ० २०६३ इछ भाषा हिन्दी-संस्कृत | इश्व | | पूर्ण वेन सं० ११० प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर
–
विशेष- विभिन्न प्रकार की ३८ पूजाओं एवं पाठों का संग्रह है। ८६०८. पूजा संग्रह - x
०६३ न सं० २३१
० ९x४३ इच प्राप्ति स्थान
विशेष- मुख्यतः निम्न पूजाओं का संग्रह है
रत्नत्रय पूजा, कर्मदहन पूजा,
०कास x ०कास X पूर्ण
भाषा प्राकृत विषय पूजा
दि० जैन मंदिर राजमहल (टोंक)
८६११. प्रतिष्ठा कल्प - प्रकलंक भाषा संस्कृत विषय विधान १०कास XI दि० जैन मन्दिर फतेहपुर शेखावाटी (सीकर)
प्रारंभ
(प्राकृत)
( ) (अपूर्ण)
० १२०
११४४३ इ माया हिन्दी
I
८६०२. पूजा संग्रह पूजा | २० काल X | ले० काल x । पूर्ण । वेष्टन सं० १३७-६२ प्राप्ति स्थान- दि० जैन मन्दिर कोटडियों का गरपुर ।
विशेष- पंचमेट द्यानत एवं नंदीश्वर जयमाल भैया भगवतीदास कृत है ।
८६१०. प्रतिमा स्थापना - X 1 पत्र सं० २१ ० ११४४३ इख । भाषा प्राकृत विषय-विधि र०काल X | लेखकाल X पूर्ण वेष्टन ० १५१० । प्राप्ति स्थान — दि०जैन मन्दिर कोड़ियों का इंगरपुर ।
विशेष श्री ग्राम श्री वालेदा नगरमध्ये शिखिपति मुखराम |
기
८६१२. प्रतिष्ठा तिलक-प्रा० नरेन्द्रसेन संस्कृत । विषय-विधान । २० काल x । ले० काल X 1 पूर्ण दि० जैन मन्दिर कोटडियों का टूरपुर
देव - x | पत्र सं० १५२ ॥ श्र० ११३३४५ इञ्न । काल X पूर्ण वेष्टन सं० ११० प्राप्ति स्थान-
अदित्या न गणाधीरात पच ऐदं युगि मानाचार्य तथि मत्यागमा १ अब भी नेमिचन्द्राय प्रतिष्ठा शास्त्र मार्गतः प्रतिष्ठापास्तदा राजानां स्वयं भंगिना ||२|| इन्द्र प्रतिष्ठा
०२७० १२६ इन्च भाषावेष्टनसं० ३१-१८ प्राप्ति स्थान
विशेष-मुनि महाराज श्री १०८ भट्टारक जी श्री मुनीन्द्रकीनि जी की पुस्तक निचितं ज्ञानी बलरांधी रूपया यमु कस्तूरचंद पुत्र चो
८६१३. प्रतिष्ठा पद्धति -- ० २६ या० १०४ विधान । २० काल X | ले० काल सं० १८२४ कार्तिक सुदी १२ । पूर्ण । दि० जैन मंदिर प्रजमेर भण्डार ।
इच भाषा
विषय ०४७५ प्राप्ति स्थान