Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पूजा एवं विधान साहित्य ]
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८६८७. रत्नत्रय उद्यापन - केशवसेन। पत्र [सं०] १२ । श्रा० १०३४ ६४ भाषासंस्कृत विषय पूजा । २० काल X। ले० काल सं० १८१७ ज्येष्ठ बुदी १ । पूर्ण । वेष्टन सं० २७ । प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर बोरसनी कोटा
विशेष – पं० प्रासमबन्द के शिष्य जिनदास ने लिखा पर
६८८. रस्न उद्यापन पूजाविषय-पूजा र० काल x ०काल सं० १०५० स्थान- भ० दि० जैन मन्दिर अजमेर ।
पत्रसं० १ र बुदी २
० १०९६३
पत्र सं० ३६ १६४९ प्रासा बुदी १४ पूर्ण
८६६१. रत्नत्रय जयमाल - x । पत्र सं० विषय-पूजा र०का से० का १०५ पूर्ण
लाल मंदिर उदयपुर ।
० ११३४४३ इच। भाषा संस्कृत । वेष्टन सं० १३६६ प्राप्ति
पूर्ण
८६८६. रत्नत्रय उद्यापन पूजा - X पद्य विगव-पूजा २० का X से० काल सं० प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर कोट्यों का लेवा |
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विशेष- - नैरगना में धन्नालाल जी छोगालालजी धानोत्या याव वालों ने प्रतिलिपि कराई थी । ८६६०. रत्नत्रय उद्यापन विधान X पव० ३२ पा० ११४७ इंच भाषा - हिन्दी विषय- १० काल X | जे० काल x वेष्टन सं० १०६ प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर अभिनन्दन स्वामी, दी
पूर्ण
विशेष प्रति टब्बा टीका सहित है। ८६६४. रत्नत्रय जयमाल पूजा २०काल X ते ० काल X पूर्ण
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८६६२. रत्नत्रय जयमाल - X | पत्र० १० पा० विषय-पूजा र०काल x वे० काल सं० १०७२ वैशाख सुदी १४ स्थान – दि० जैन पंचायती मन्दिर बयाना ।
विशेष
हुआ है।
८६६३. रत्नत्रय जयमाल -- x | विषय-पूजा र०कान X ले० काल सं० १५०५ मन्दिर अजमेर |
१५
| । ।
भाषा हिन्दी वेन सं० ४०
१४ ॥ श्र० ११४५ : इञ्च । भाषा संस्कृत | बेन सं० १५३ प्राप्ति स्थान न
पत्र सं० ८ वेष्टन ६० ६७७
X ४) इच
भाषा-संस्कृत पूर्ण वेष्टन सं० ११२ प्राप्ति
:लचन्द ने बयाना में प्रतिलिपि की थी श्लोकों के उत्तर हिन्दी में घर्थ दिया
पत्र सं ० ४ । ० १०३ X ५ इव । भाषा - प्राकृत | पूर्ण सं० ६२६ प्राप्ति स्थान -भ ०दि० जैन
० ८x४ इश्व । भाषा प प्राप्ति स्थानम० दि० जैन मंदिर मे
। भाषा प्राकृत ।
पत्रसं० ४ । या० १०३ ४ ४ इव वेष्टन सं० २७७ प्राप्ति स्थान दिन मंदिर
८६६५. रत्नत्रय जयमाल - x । विषय-पूजा र०काल x ० काल x पूर्ण पार्श्वनाथ चौगान बूंदी 1
इच
८६६६. रत्नत्रय जयमाल - X 1 पत्र० ६ ० १०x४ भाषा या संस्कृत विषय - पूजा । १०काल x 1 ले० काल सं० १५०५ । पूर्ण । वेष्टन सं० ५३ | प्राप्ति स्थानदि०जैन पंचायती मन्दिर करौली ।
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