Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
View full book text
________________
[ ग्रन्थ सूची- पंचम भाग
८४६९. पूजा पाठ संग्रह
०२१६० ५४४ ०
भाषा हिन्दी,
संस्कृत विषय पाठ । २० काल x । ले० काल x । पूर्ण । वेष्टन सं० ६६ । प्राप्ति स्थानदि० जैन तेरी मन्दिर नेवा ।
८७२ ]
८५००. पूजा पाठ संग्रह-२०६६३४ भाषा - हिन्दी, संस्कृत । विषय - पूजा पाठ र० काल x । ले० काल X पूर्ण । वेष्टन सं० ७१ प्राप्ति स्थान दि० जैन तेरहपंथी मन्दिर नैात्रा ।
८५०१. पूजा पाठ संग्रह विषय-पूजा पाठ १० काल X ले०का मन्दिर मेराया
पत्र सं० १३०० ६८५ पूर्ण वेन सं० ७२
८५०२. पूजा पाठ संग्रह-पूजा पाठ २० काल X से काल X | पूर्ण मन्दिर गुवा ।
। पत्र सं० १३६ । ० ५४४ इस भाषा हिन्दी विषय - वेष्टन सं० ७४ प्राप्ति स्थान दि० जैन तेरहपंची
८५०३. पूजा पाठ संग्रह - X 1 पत्रसं० ४० ॥ श्र० संग्रह २०का X ० काल
पूर्ण
०७५
नैणवा ।
-
विशेष पूजा पाठ संग्रह है।
८५०४. पूजा पाठ संग्रह x विषय-पूजा पाठ १० मास X पे०काल x तेरहपंथी मन्दिर नैवा
विशेष – सामान्य पूजा एव पाठों का संग्रह है । ८५०५. पूजा पाठ पत्र [सं०] ६१ । था० १०४५ इस भाषा - हिन्दीसंस्कृत विषय - पूजा एवं स्तोत्र २० काल x | ले०काल सं० १६११ फागुण सुद्री ५ पूर्ण वेष्टन सं ७२ प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर कोयों का
संग्रह
ना
८५०७. पूजा पाठ संग्रह विषय-पूजा पाठों का संग्रह | २०काल । लं०काल मन्दिर कोट्यों का नैरावा
भाषा हिन्दी, संस्कृत प्राप्ति स्थान दि० जैन
५ इव । भाषा - हिन्दी विषयप्राप्ति स्थान दि० जैन तेरहवी मन्दिर
०७० ० ६२ व भाषा हिन्दी संस्कृत पूर्ण वेष्टन सं० ६४ प्राप्ति स्थान दि० जैद
4
८५०६. पूजा पाठ संग्रह ०६१ श्र० १०४५ इन्च संस्कृत विषय पूजा पाठों का संग्रह २० कान X ले०काल सं० १६७ माघ मृदी ५ पूर्ण ७२ प्राप्ति स्थान दिन मन्दिर कोटयों का नैरगया ।
० १८७
तूर
८५०६. पूजा पाठ संग्रह - पत्र संस्कृत | विषय - संग्रह | र० काल x । ले०काल x मंदिर राजमहल (टोंक) ।
०
८५०८. पूजा पाठ संग्रह-- x पत्र सं० १४४ | विषय - पूजा २० काल X ले० काल X अप्पूर्ण चेष्टन सं० ६० कोटया का नावा |
1
भाषा हिन्दीस
० ६४ ] इ । भाषा संस्कृत, हिन्दी । वेटन सं० ७४ । प्राप्ति स्थान दि० जैन
९४४) इस भाषा - हिन्दी पद्य । प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर
सं० २ २ ४ ६० १८९७ इव भाषा - हिन्दीअपूर्ण वेष्टन सं० २१४ । प्राप्ति स्थान – दि० जैन