Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ ग्रन्थ सूची-पंचम भाग
७४४४. स्तोत्र संग्रह-x। पत्र सं० २३। ग्रा० १० x ४३ इंच । भाषा-संस्कृत । विषय-स्तोत्र कर. काल x 1ले. काल x पूर्ण । वेष्टनसं० ५२ । प्राप्ति स्थान- दि. जैन मन्दिर कोथ्यों का नेशवा 1 विशेष—निम्न पाठों का संग्रह हैसरस्वती स्तोत्र
संस्कृत
ज्ञानभूषण क्षेत्रपाल स्तोत्र
दशलक्षण स्तोत्र महावीर समस्या स्तवन बर्द्धमान स्तोत्र पानाथ स्तोत्र मंत्र सहित पार्श्वनाथ स्तोत्र चितामगि पार्श्वनाथ स्तोत्र चन्द्रप्रभ स्तोत्र मंत्र सहित बीजाक्षर कृषि मंडल स्तोत्र ऋषि मंडल स्तोत्र
गौतमस्वामी ७४४५. स्तोत्र संग्रह--X । पत्र सं० ७ । प्रा० ११ x ६३ इश्च । भाषा-संस्कृत । विषयस्तोत्र । रचनाकाल X I ले काल ४। पूर्ण । वेष्टन सं० ६६ । प्राप्ति स्थान-दि जैन मंदिर कोल्यों का नैणवा । विशेष—निम्न स्तोत्रों का संग्रह है :
पाश्वनाथ स्तोत्र स्तोत्र
पद्मप्रभदेव क्षेत्रपाल स्तोत्र पार्श्वनाथ स्तोत्र
राजसेन चन्द्रप्रभ स्तोत्र लघु भक्तामर स्तोत्र
नमो जोति मुनि त्रिकालं विसिघं । नमो नरविकार नरागंध गयं ।। नमो तो नराकार नर माग वाणी ।
नमो तो नराधार आधार जाणी॥ ७४४६. स्तोत्र संग्रह-x। पत्र सं० १६ । मा० १०३४४ इन्च भाषा-संस्कृत । विषय-स्तोत्र । र०काल । ले. कालX । अपुर्ण । वेष्टन १९५ । प्राप्ति स्थान-दि. जैन मंदिर बोरसली कोटा 1
विशेष-कल्याण मंदिर, विषाहार एवं लक्ष्मी स्तोत्र यपूर्ण है।