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मुहणोत
करीब तीन साल से आप दरबार की ओर से उदयपुर बुलवाये गये । वर्तमान समय में आप यहाँ भोवर सियर के पद पर काम कर रहे हैं।
मेहता सुकनराजजी मुहणोत, जोधपुर
मुहणोत हरीसिंहजी के पुत्र दीपचन्दजी संवत् १८४८ में जोधपुर में हाकिम थे । दीपचन्दजी के जीवराजजी, धनराजजी, शिवराजजी और उदयराजजी नामक ४ पुत्र हुए। इनमें से मुहणोत धनराजजी दौलतपुरा, जालोर, सांचोर तथा भीनमाल के हाकिम रहे । संवत् १९०२ में जोधपुर दरबार ने इन्हें युवराज श्री जसवन्तसिंहजी के अध्यापक बनाकर अहमदनगर भेजा । संवत् १९१६ में आप जालोर के कोतवाल और फिर बाईसाहिबा के इजाफे के गाँवों के प्रबन्धक बनाये नये । ये महाराजा श्री तखतसिंहजी की महाराणी राणावतजी के कामदार थे । इनके विजयराजजी, रूपराजजी तथा फोजराजजी नामक ३ पुत्र हुए।
मुहणोत रूपराजजी जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंहजी के यहाँ संवत् १९३२ से ४१ तक रसोड़ा तथा ऐन कोठार के दारोगा रहे । पश्चात् जागीर दारों के इंतजामी सीगे में जोधपुर में मुलाजिम हुए और ठिकाना कुड़की तथा पांचोता के पट्टों का काम करते रहे। इनके छोटे भाई फोजराजी बाई साहिबा के इजाफ़े के गाँवों का काम करते रहे ।
संवत् १९५४ में इनका शरीरान्त हुआ ।
मुहणोत रूपराजजी के सोहनराजजी तथा सुकनराजजी नामक दो पुत्र हुए। मुणोत सुकनराजजी का जन्म संवत् १९४१ की पौष वदी ८ को हुआ । आप बड़े योग्य और मिलनसार सज्जन हैं। ओसवाल समाज के हितसम्बन्धी काय्यों में आप बड़ा भाग लेते हैं । आप श्री सिंह सभा की मैंनेजिंग कमेटी के सदस्य तथा फूलचन्द कन्यापाठशाला के सेक्रेटरी हैं। आप राजपूताना इन्शोरेन्स कंपनी के डायरेक्टर हैं आपकी समाज में अच्छी प्रतिष्ठा है । सन् १९०२ से आप पी० डब्ल्लू● डी० और ऑइस फेक्टरी में सर्विस करते रहे । इधर १३ सालों से आप जोधपुर स्टेट इलेक्ट्रिक कारखाने में स्टोर कीपर हैं। आपकी स्टेट में ३१ सालों की सर्विस है । आपके भ्राता सोमराजजी कस्टम इन्स्पेक्टर थे ।
इसी प्रकार इस परिवार में विजयराजजी के पुत्र कुशलराजजी ने १५ सालों तक पुलिस विभाग में सर्विस की । इनके पुत्र विशनराजजी जनानी ड्योढ़ी पर नौकर हैं, मुणोत फोजराजजी के पुत्र गुमानराजजी सायर इंस्पेक्टर हैं। इसी प्रकार मुणोत जीवराजजी के पश्चात् क्रमशः पृथ्वीराजजी और चन्दराजजी हुए । इस समय चन्दराजजी के पुत्र हंसराजजी जालोर में वकालत करते हैं । मुणोत उदमराजजी के प्रपौत्र सूरजराजजी पी० डब्ल्यू० डी० वाटर वर्कस में हैं।
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