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बापना
'बातियों के लिये भाप के हृदय में बराबर स्थान हैं। आपकी सहानुभूति, आपका प्रेम किसी जाति तक परिमित नहीं है । भापकी यह बात आपके जीवन क्रम में हमें प्रति दिन दिखलाई पड़ती है। - श्रीयुत बापना साहब एक अच्छे राजनीतिज्ञ हैं। भापकी राजनीति शुद्ध और साविक है। कूटनीति से (Diplomacy) भाप दूर रहते हैं। राज्य में होने वाले षड्यन्त्रों और राजनैतिक छल प्रपंचों से आपको बड़ी घृणा है । भाप इतने चतुर अवश्य है कि दूसरे के षड्यन्त्रों से अपने आप को तथा अपने शासन को बाल बाल बचा लेते हैं। आप कभी अपनी आत्मा को षड्यन्त्रों में फंसा कर गंदी नहीं करते। राजनीति में जो गंदगी रहती है, उससे ये अपने आप को बचाने की पूरी पूरी कोशिश करते हैं । पार्टी बन्दी से इन्हें बड़ो नफरत है । ये बातें आपकी स्वाभाविक प्रकृति के खिलाफ है। इसका नैतिक प्रभाव राज्य के वातावरण पर बहुत अच्छा पड़ता।
. संसार में जितने बदेर राजनीतिज्ञ हुए हैं उनके स्वभाव में, गंभीरता और प्रकृति में शांति
है। जिन लोगों को पापना साहब के सानिध्य में आने का सौभाग्य प्राप्त हुभावे आपकी गंभीरता मौर शान्त समाव से भली भांति परिचित होंगे। कठिन से कठिन भवसरों पर भी माप उत्तेजित होना जानते ही नहीं। हमने देखा है कि जब आप प्रातःकाल वलीबाग में घूमने आते हैं, तब कमी २ कुछ लोग उन्हें इतना तंग करते हैं कि साधारण मनुष्य वैसी अवस्था में उत्तेजित हुए बिना नहीं रह सकता । पर सनकी शांति रत्ती भर भी चल पिचल नहीं होती। इसके कई उदाहरण हमारे सामने हैं।
इन्हीं सब मानसिक विशेषताओं का प्रताप है कि आप क्रमशः विकास करते । इन्दौर राज्य के समा महत्वपूर्ण राज्य के प्रधान सचिव के पद पर पहुँच गये तथा वर्तमान में आप बड़ी योग्यता और सफलता के साथ संचालन कर रहे हैं। मापने इन्हीं विशेषताओं से न केवल भारतीय राजनीति में वरन् अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में भी अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लिया है। आज सारे ओसवाल समाज को आपका बहुत बड़ा गर्व है। आपका विवाह सम्बन्ध सम्बत् १९५५ में उदयपुर के सुप्रसिद्ध मेहता भूपालसिंहजी को कन्या से हुआ। मेहता भूपालसिंहजी उदयपुर राज्य के दीवान थे तथा भापके पुत्र मेहता जगनाथसिंहजी भी उदयपुर के दीवान रहे।
श्रीमान वापना साहब के इस समय दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। बड़े पुत्र का नाम श्री कल्याणमलजी है । आप बी० ए० एल० एल० बी० हैं । इस समय आप इन्दौर राज्य के डिप्टी एक्साइज़ कमिपनर हैं। आपके इस समय तीन पुत्र और एक पुत्री हैं। दो बड़े पुत्रों के नाम क्रमशः कुँवर बावन्तसिंहजी भौर कुँवर अमरसिंहजी हैं। श्रीमान बापना साहब के छोटे पुत्र श्री प्रतापसिंहजी है। भाप एम० ए० एल० एल. बी हैं।