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श्रीसवाल जाति का इतिहास
नवीन मन्दिर बनवाया । इसी तरह कासिम बाजारको धर्मशाला, पावापुरीतीर्थ की विशाल धर्मशाला, अजीमगंज में "मैकेंजी पब्लिक हाल" पालीताने में 'नाहर बिल्डिंग' और कलकरो में "श्री आदिनाथजी का देरासर" और " कुमारसिंह हाल" नामक दिव्य विशाल भवन विशेष उल्लेखनीय हैं ।
आपके नाम से दिनाजपुर जिले में सेताबगंज नामक एक बस्ती वस गई है। वहाँ पर आपने एक बड़ा अस्पताल खोला है। बिहार उड़ीसा प्रान्त के सन्थाल परगने के दुमका नामक शहर के अस्पताल में भी आपने एक 'फीमेल वार्ड' बनवा दिया था। इन सब के अतिरिक्त आपने कई सार्वजनिक संस्थाओं में काफी सहायता दी थी ।
आपके ही उद्योग से अहमदाबाद में “जैन मदद फण्ड” की स्थापना हुई और आपने बीस हजार की एक बड़ी रकम इसके स्थाई फण्ड में प्रदान की थी । आप कई वर्षों तक लालबाग बेंच में आनरेरी मजिस्ट्रेट रहे और म्युनिसिपैलिटी में बहुत वर्षों तक कमिश्नर थे ।
इस प्रकार अत्यन्त यशस्वी जीवन व्यतीत करते हुए सं० १९७५ में आपका स्वर्गवास हुआ ! आपकी पत्नी श्रीमती गुलाबकुमारीजी बड़ी धर्मात्मा थीं। उनका अधिक समय धर्म ध्यान और ईश्वरोपासना में व्यतीत होता था । आप सं० १९६९ में इहलोक छोड़ परलोक सिधारीं । आपके चार पुत्र हुए जिनके . नाम क्रम से रायबहादुर मणिलालजी, बाबू पूरणचन्दजी एम० ए० बी० एल०, बाबू फतेसिंहजी और बाबू कुमरसिंहजी बी० ए० हैं । आपके ही स्मारक रूप में बाबू पूरणचंदजी ने "श्री गुलाबकुमारी लाइब्रेरी " नामक एक अत्युत्तम संग्रहालय स्थापित किया है ।
रायबहादुर मणिलालजी नाहर - आपका जन्म सं० १९२१ में हुआ । आपने बंगला, हिन्दी के अतिरिक्त अंग्रेजी में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। आपका अधिक समय सार्वजनिक कार्यों में व्यतीत होता था । सन् १८९८ में इनके पिता की मौजूदगी में सरकार से इनको 'रायबहादुर' की पदवी प्राप्त हुई थी । इसके अतिरिक्त आपको कई सम्मानपूर्ण सार्टिफिकेट मिले थे। आप बहुत दिन तक मुर्शिदाबाद डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के मेम्बर, अजीमगंज म्युनिसिपैलिटी के चेयरमेन और लालबाग, अजीमगंज तथा कलकत्ते के प्रेसिडेंसी बेंच में आनरेरी मजिस्ट्रेट का कार्य बड़ी योग्यता से करते रहे । कलकत्ता कारपोरेशन के भी आप तीन वर्षों तक कमिश्नर थे । सं० १९६५ में आप और आपके सब भ्राता अजीमगंज से उठकर कलकते में आकर बस गये ।
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अपने समाज में भी आपका उच्च स्थान था । तिलजला रोड में आपका 'नाहर विला' नाम का एक मनोरम उद्यान है । आप अपना भारतीय चित्रकारी तथा और और कारीगरो का संग्रह बंगाल गवर्नमेंट को दे गये थे जो इस समय कलकते के इण्डियन म्युजियम के कला-विभाग में 'नाहर कलेक्शन' के नाम से
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