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सवाल जाति का इतिहास
को सहायता देते रहते हैं । इसी तरह जैनेन्द्र गुरुकुल पंचकूला को बारी देने की ओर अच्छा लक्ष रखते हैं । यहाँ के जैन समाज में आप सयाने व्यक्ति हैं। आपने रूपचन्दजी महाराज की समाधि में शादीरामजी महाराज की एक समाधि बनवाई है । आपने बाबूरामजी तथा शंडूरामजी नामक दो सज्जनों को दत्तक लिया है। आप दोनों बंधु अपनी दुकानों का व्यापार संचालन बड़ी तत्परता से करते हैं। आप के यहां "उत्तमचन्द बाबूराम" के नाम से शहर में तथा झण्डूमल प्यारेलाल के नाम से मंडी में पसारी और बसाती का व्यापार होता है । लाला बाबूरामजी उत्साही तथा समाज सेवी सज्जन हैं । आप श्री जैन प्रचारक सभा के प्रेसिडेंट हैं ।
मालकस
लाला गण्डामलजी का खानदान, जण्डियाला गुरू ( पंजाब )
यह खानदान श्री जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी सम्प्रदाय को मानने वाला हैं। यह खानदान
सबसे पहले पटियाला में रहता था। फिर वहाँ से महाराजा रणजीतसिंहजी के समय में लाहौर में आकर जवाहरात का व्यापार करने लगा इस खानदान में लाला जेठमलजी के पुत्र हरगोपालजी और पौत्र अनोखामलजी हुए । अनोखामलजी के पुत्र हरभजमलजी और जयगोपाल जी लाहौर में गदर हो जाने के कारण अपने ननिहाल जण्डियाला गुरू चले आये । आप लोगों के समय में जण्डियाला गुरू की दुकान पर जमीदारी और साहुकारा तथा अमृतसर की दुकान पर जवाहरात का व्यापार होता था । लाला हरभजमल जी के रामसिंहजी, ज्वालामलजी तथा कर्मचन्दजी नामक तीन पुत्र हुए। लाला रामसिंहजी के मेलामलजी, मीतामलजी, कालामलजी और दितमलजी नामक चार पुत्र हुए। लाला मेलामलजी बड़े दयालु तथा व्यापार कुशल व्यक्ति थे । आपका संवत् १९५९ में ८३ साल की दय में स्वर्गवास हो गया है। आपके तीन पुत्र हुए जिनके नाम लाला आत्मारामजी, कोटूमलजी तथा सिब्बूमलजी थे । लाला आत्मारामजी का जन्म संबत् १९०७ में हुआ था । आप धर्मात्मा पुरुष थे । आपका स्वर्गवास संवत् १९७२ में हो गया । आपके लाला गण्डामलजी, गोपीमलजी तथा खजांचीमलजी नामक तीन पुत्र हुए ।
लाला गएडामलजी - आपका जन्म संवत् १९३६ का है । आप इस परिवार में बड़े नामी तथा प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं । आपने प्रयत्न करके सन् १९०९ में पंजाब स्थानकवासी जैन सभा की स्थापना करवाई | और आप इसके १८ सालों तक ऑनरेरी सेक्रेटरी रहे । लाहोर के अमर जैन होस्टल के स्थापित करवाने में भी आपका बहुत बड़ा प्रयत्न रहा है । आप इस समय जण्डियाला गौशाला के प्रेसिडेंट, वहाँ के म्युनिसिपल कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट हिन्दू सभा अमृतसर के तथा जैन विधवा सहायक सभा पंजाब के ऑनरेरी सेक्रेटरी हैं। सारे पंजाब के जैन समाज में आपका नाम प्रसिद्ध है । आपके पुत्र लाला मुनीलालजी पढ़ते हैं । लाला गण्डामलजी के छोटे भाई लाला गोपीमलजी का जन्म १९३९ में हुआ। आप इस खान दान का तमाम व्यापार देखते हैं। तथा इस समय सराफा कमेटी के प्रेसिडेंट हैं। चंदजी तथा मदनलालजी व्यापार सझालते हैं, तथा रोशनलालजी और मनोहरलालजी
आपके पुत्र दिलीप पढ़ते हैं। लाला
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