Book Title: Oswal Jati Ka Itihas
Author(s): Oswal History Publishing House
Publisher: Oswal History Publishing House

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Page 1385
________________ कोचर मेहता मेहता बहादुरमलजी के छोटे भाई मेहता हस्तीमलजी भी राज्य में सर्विस करते रहे । आपका संवत् १९७४ में स्वर्गवास हो गया। आपके पुत्र मेहता शिवबख्शजी, सेठ मोजीराम पन्नालाल बांठिया की भागीदारी में छातों के कारखाने का संचालन एवं व्यापार करते हैं । . तथा अच्छे प्रतिष्ठित सज्जन माने जाते | आपके पुत्र मेघराजजी मेट्रिक में पढ़ते हैं । इनसे छोटे सम्पतलालजी एवं जतनलालजी हैं । मेहता भवसिंहजी कोचर का परिवार कोचर उरझाजी के तीसरे पुत्र भीवसिंहजी की संतानों में समय २ पर कई प्रतिष्ठित व्यक्ति हुए। जिन्होंने बीकानेर रियासत की सेवाएं कर अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त की। इस परिवार में मेहता शाहमलजी नामांकित व्यक्ति हुए। आपको बीकानेर दरबार महाराजा सरदारसिंहजी ने संवत् १८६७ में दीवानगी का सम्मान बख्शा था । मेहता भीवसिंहजी के पुत्र पहराजजी थे । इनके चन्द्रसेनजी एवं इन्द्रसेनजी नामक २ पुत्र हुए। इनमें मेहता चन्द्रसेनजी के परिवार में मेहता मेवराजजी, लूणकरणजी, रावतमलजी एवं चम्पालालजी मेहता जतनलालजी, आदि सज्जन हैं । एवं चन्द्रसेनजी के परिवार में मेहता शिवबख्शजी हैं। मेहता मेघराजजी, लूणकरणजी कोचर का खानदान - हम ऊपर मेहता चन्द्रसेनजी का नाम लिख आये हैं । आपके पुत्र अजबसिंहजी एवं अनोपचन्दजी बड़े बहादुर पुरुष थे । आप लोग रियासत की ओर से अनोपगढ़ आदि कई लड़ाइयों में शामिल हुए थे । मेहता अजबसिंहजी के पुत्र कीरतसिंहजी के जालिमचंदजी, मदन चन्दजी एवं केसरीचंदजी नामक ३ पुत्र हुए। आप बंधु स्टेट के ऊँचे २ ओहदों पर कार्य करते रहे । स्टेट ने आप लोगों को कई खास रुक्के बख्शे थे । इन भाइयों में मेहता मदनचन्दजी के पुत्र मोतीचन्दजी और पौत्र हरखचंदजी हुए। मेहता हरक चन्दजी तहसीलदारी के पद पर कार्य करते थे । संवत् १९५२ में आपका स्वर्गवास हुआ । आपको तथा आपके बड़े पुत्र को राज्य ने "शाह" की पदवी इनायत की थी । आपके मेहता नेमीचन्दजी एवं मेघराजजी नामक २ पुत्र हुए। इन बन्धुओं में मेहता मेघराजजी विद्यमान हैं। शाह नेमीचन्दजी आफीसर कोर्ट आफ वार्ड तथा आफीसर श्री बड़ा कारखाना थे । महाराजा श्रीगंगासिंहजी बहादुर आप पर बड़े प्रसन्न थे । आप स्पष्ट वक्ता एवं स्टेट के सच्चे ख़ैरख्वाह व्यक्ति थे । आपके पास स्टेट के प्राइवेट जवाहरात कोष की चाबियाँ अन्तिम समय तक रहीं । संवत् १९८९ में आप स्वर्गवासी हुए। आपके पुत्र मेहता लूणकरणजी एवं विशनचन्दजी विद्यमान हैं। मेहता लूणकरणजी का जन्म संवत् १९४५ में हुआ । आप ९ सालों तक महकमा हिसाब तथा १६ सालों तक कंट्रोलर भाफ दि हाउस होल्ड रहे । तथा संवत् १९८९ से अपने पिताजी के स्थान पर आप आफीसर श्री बड़ा कारखाना हैं। आप बड़े सरल एवं समझदार पुरुष हैं । आपके छोटे बन्धु विशनचन्दजी खजाने में सर्विस करते हैं । मेहता मेघराजजी कोचर का जन्म संवत् १९२९ में हुआ । आप वर्तमान महाराजा श्री गंगासिंहजी की बाल्या वस्था में उनके प्राइवेट दफ्तर के खजांची रहे । पश्चात् संवत् १९७२ में तहसील बनाये गये। इसके बाद आप रामकुमार श्री सार्दुलसिंहजी की चीफ मिनिस्टरी के समय उनके पेशकार रहे। इधर संवत् १९८१ से आप पेंशन प्राप्त कर शांत्तिलाभ कर रहे हैं। आप बड़े सरल एवं सज्जन पुरुष हैं। आपके पुत्र श्री रावतमलजी कोचर का जन्म संवत् १९६१ में हुआ । आप इस समय दार ६८१

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