Book Title: Oswal Jati Ka Itihas
Author(s): Oswal History Publishing House
Publisher: Oswal History Publishing House

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Page 1380
________________ ओसवाल जाति का इतिहास ही नहीं आपकी धर्मपत्नी एवं २ नाबालिग पुत्रों के लिये खास तौर से पेंशन भी मुकरर कर दो। आपके स्मारक में आपके पुत्रों ने बीकानेर में कोचरों की गवाड में एक जैन धर्मशाला बनवाई। भापके कपाचन्दजी उत्तमचन्दजी एवं मंगलचन्दजी नामक ३ पुत्र विद्यमान हैं। इन तीनों भाइयों का जन्म क्रमशः सम्वत् १९५१, ६५ तथा सम्बत् १९६७ में हुआ। मेहता कृपाचन्दजी थोड़े समय तक कलकत्ता में व्यापार करते रहे, तथा इस समय नौहर में नायब तहसीलदार हैं। आपके पुत्र धीरचन्दजी बालक हैं। . मेहता उत्तमचन्दजी बी० ए० एल एल० बी०-आपने बनारस युनिवर्सिटी से सन् १९२८ में बी० ए० तथा १९३० एल एल० बी० की परीक्षा पास की। इसके २ वर्ष बाद आपको स्टेट ने सुजानगढ़ में मजिस्ट्रेट बनाया। इतनी अल्पवय होते हुए भी इस वजनदारी पूर्ण कार्य को आप बड़ी योग्यता से संचालित कर रहे हैं। आप बड़े सहृदय, मिलनसार एवं लोकप्रिय युवक हैं। आपके पुत्र उपध्यानचन्द बालक हैं। आपके छोटे बंधु मेहता मंगलचन्दजी सुजानगढ़ में गिरदावर हैं। इसी प्रकार इस परिवार में मेहता मिलापचन्दजी भी कई स्थानों पर तहसीलदार एवं नाजिम के पद पर काम करते रहे सन १९२७ में आपका स्वर्गवास हुआ। आपके पुत्र पीरचन्दजी भिनासर में डाक्टरी करते हैं, मोहनलालजी एफ. ए. मे तथा सम्पतलालजी मिडिल में पढ़ते हैं। इसी तरह मेहता मेहरचन्दजी के सब से छोटे भाई मेहता केसरीचन्दजी के पुत्र माणिकचन्दजी बालक हैं। मेहता बहादुरमलजी कोचर का परिवार-ऊपर हम लिख आये हैं कि मेहता दुलीचन्दजी के छोटे भ्राता मेहता वक्तावरचन्दजी थे। इनके पश्चात् क्रमशः मेहता तखतमलजी, मुकुन्ददासजी एवं छोगभलजी हुए। मेहता छोगमलजी बीकानेर स्टेट में सर्विस करते रहे । संवत् १९४२ में आपका स्वर्गवास हुआ। आपके मेहता कणगमलजी, बहादुरमलजी, एवं हस्तीमलजी नामक ३ पुत्र हुए। इनमें मेहता छणगमलजी भी स्टेट में सर्विस करते रहे । आपका स्वर्गवास हो गया । आपके सहसकरणजी एवं अभयराजजी नामक २ पुत्र हुए। इनमें अभयराजजी, अपने काका मेहता बहादुरमलजी के नाम पर दत्तक गये। मेहता बहादरमलजी इस परिवार में नामी व्यक्ति हए। आपने सर्वत् १९४० में सेह मोजीराम पन्नालाल बांठिया भिनासर वालों की भागीदारी में कलकत्ते में छातों का व्यापार भारम्भ किया, एवं इस व्यापार को उन्नत रूप देने के लिये आपने वहाँ एक कारखाना भी खोला। इस व्यापार में सम्पत्ति उपार्जित कर आपने अपने सम्मान में अच्छी उन्नति की । आप बड़े दयालु थे, तथा धर्म के कामों में उदारता पूर्वक भाग लेते थे। एवं अन्य कामों में भी उदारतापूर्वक सहायता देते थे। बीकानेर के ओसवाल समाज में आप गण्यमान्य व्यक्ति माने जाते थे। इस प्रकार प्रतिष्ठा पूर्वक जीवन बिताकर सर्वत् १९९० की प्रथम बैसाख सुदी १४ को आका स्वर्गवास हो गया। आपके दत्तक पुत्र मेहता अभयराजजी का जन्म संवत् १९४० में हुआ । इधर संवत् १९८६ से आपका सेठ मोजीराम पन्नालाल फर्म से भाग अलग हो गया है। एवं आप “बहादुरमल अभयराज" के नाम से बीकानेर में बैंकिंग व्यापार करते हैं । आप बड़े सरल एवं सजन व्यक्ति हैं। बीकानेर के कोचर परिवार में आप सधन व्यक्ति हैं। एवं यहाँ के ओसवाल समाज में अच्छी प्रतिष्ठा रखते हैं। आपके पुत्र भँवरलालजी, अनंदमलजी एवं दुली. चन्दजी हैं।

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