________________
चीन मेहता
मेहता गोविन्दसिंहजी का परिवार
(मेहता चिमनसिंहजी, ब्यावर) ऊपर उदयपुर के दीवान मेहता राखिसी के पुत्रों के घरानों का परिचय दिया जा चुना है। मेहता गोविन्दसिंहजी मेहता रामसिंहजी दिलीच पुथे। भापके छोटे भाई जालिमसिंहजी उदयपुर चले गये तथा आप ब्यावर में ही निवास करते रहे।
मेहता गोविन्दसिंहजी-जाप मार विमरनल डिक्सन नेम्यावर तथा अजमेर के बीच जेठाणा नामक गाँव में एक हजार बीमा कमीना की। तथा बेठाणे में गवालियर गज का एक गया था वह भी इनको दिया। इसके बावा लन् वा सम्मान व भाषे कस्टम के महसूल की माफी का भार्डर दिया । उक्त जमीन तथा पद, अब आपके पौत्र मेहता चिमनसिंहजी के अधिकार में है। संवत् १९२० में भाप स्वर्गवासी हुए। आपके बड़े पुत्र कीर्तिसिंहजी बापके बड़े भाई मेहता बस्तावरसिंहजी के नाम पर दत्तक गये।
.. मेहता रतनसिंहजी-आप मेहता गोविन्दसिहजी के द्वितीय पुत्र थे। भापत्र जन्म संवत् १८९८ में हुभा । आप म्यबा मुनिसिपैठिी के मेम्बर । संवत् १९३५ में भापक स्वर्गवास हुआ।
__ मेहता चिमनसिंहजी-माप मेहसा रतनसिंहजी के पुत्र हैं। भापका जन्म संवत् १९१४ में हुला । आप "साल तक लगातार ब्यावर म्युनिसिपेलिटी के मेम्बर रहे और सन् १९१३ से १९ तक असिस्लेंट मिावर के यहाँ वकील रहे । ब्यावर में भापका खानदान पुराना तथा प्रतिष्ठित माना जाता है। भआपके पुत्र भमरसिंहजी तथा रतनराजजी है।
मेहता रतनसिंहजी ने इंटर तक पढ़ाई करके एप्रीक्सचर कॉलेज कानपुर से एक. ए.जी. की डिगरी प्राप्त की। पश्चात आप यू० पी० में एप्रोकार इन्सपेक्टर तथा अजमेर मेरवादा प्रान्त के मॉग्स फार्म के सुपरिन्टेन्डेन्ट रहे। इस समय भार ब्यावर में निवास करते हैं। भापके छोटे भाई रणजीतसिंह मेट्रिक में पढ़ते हैं।
चीलमेहता नाथजी का परिवार, उदयपुर इस खानदान के पूर्वज मेहता बालसीजी जाऔर सोनगरे चौहान मालदेव के विश्वास पात्र थे। सम्भव है जालसीजी उनके साथ मारवाद से मेवाड़ भावे हो।
मेहता जालसीजी महाराणा हमीरसिंहजी के समय में तथा मेहला चीलजी महाराणा उदयसिंहजी के समय में हुए । इनकी सेवाओं का विस्तृत विवरण हम इस प्रथ राजनैतिक महत्व नामक अध्याय में कर चुके हैं।
१८५