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मोसवाल जाति का इतिहास
कोचर अमरचंदजी-आपका जन्म संवत् १९६८ में हुआ। भाप सुशील नवयुवक है । तथा शिक्षा की ओर आपकी विशेष अभिरुचि है। इधर ३ सालों से भाप फलौदी म्यु. कमेटी के मेम्बर हैं, स्थानीय जैन श्वेताम्बर कन्या पाठशाला का प्रबन्ध भापके जिम्मे है। आपने राणीसर तालाब के पास एक जैन मन्दिर और दादावाड़ी बनवाने के लिये एक विशाल कम्पाउण्ड में चार दीवारी बनवाई है । इस समय आपके यहां "दौलतराम जोरावरवल" के नाम से फलौदी में सराफे का व्यापार तथा “भोलाराम माणकलाल" के नाम से हसमतगंज-रेसिडेन्सी- हैदराबाद (दक्षिण) में बैकिंग और मारगेज का व्यवसाय होता है। हैदराबाद तथा फलौदी के व्यापारिक समाज में आपकी फर्म प्रतिष्ठित मानी जाती है।
सेठ मदनचन्द रूपचन्द कोचर का खानदान, हैदराबाद
इस खानदान का मूल निवासस्थान बीकानेर का है। करीब १०० वर्ष पूर्व सेठ मदनचन्दजी पैदल मार्ग द्वारा हैदराबाद आये थे। आप बीकानेर राज्य में कामदार रहे। तदनंतर संवत् १८८४ में भापका नाम साहुकारी लिस्ट में लिखा गया । तभी से आपका व्यापारिक जीवन आरम्भ हुआ। आपके पुत्र बदनमलजी आपकी मौजूदगी में ही स्वर्गवासी हो गये थे । एतदर्थ आपके यहाँ सेठ रूपचन्दजी बीकानेर से दसक लाये गये।
सेठ रूपचन्दजी कोचर-आप बड़े लोकप्रिय सजन थे । कानून की आपको अच्छी जानकारी थी। फुलपाक तीर्थ के जीर्णोद्धार करने वाले ४ सजनों में से एक आप भी थे। आपही के हाथों से हैदराबाद में मेसर्स मदनचन्द रूपचन्द नामक फर्म की नीव पड़ी थी। मापने अपनी फर्म के व्यवसाय को खूब धमकाया। भाप संवत् १९५६ में स्वर्गवासी हुए। आपके नाम पर आपके भतीजे श्री मेघराजजी कोचर संवत् १९६६ में गोद लिये गये।
मेघराजजी कोचर-आप ही वर्तमान में इस फर्म के मालिक हैं। आप शिक्षित एवम् उन्नत विचारों के सजन हैं । आप मारवादी मण्डल के अध्यक्ष हैं तथा हैदराबाद की मारवाड़ी समाज के नवयु. वकों द्वारा होने वाले कार्यों में आप सहयोग देते रहते हैं। आप श्वेताम्बर जैन समाज के मंदिर मानाय को मानने वाले सज्जन हैं। आपकी फर्म हैदराबाद रेसीडेन्सी में बैंकिंग तथा जवाहरात का व्यवसाय करती है।
सेठ मगनमल पूनमचन्द कानगा, फलौदी इस परिवार का मूल निवासस्थान फलौदी (मारवाड़) का है। आप जैन श्वेताम्बर समाज के मन्दिर मानाय को मानने वाले सज्जन हैं। जोधपुर रियासत की ओर से आपको 'कानूगो' की पदवी मिली है।