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ओसवाल जाति का इतिहास
आये और वहाँ पर अपनी साधारण दुखन स्थापित की। आपका संवत् १९३० में स्वर्गवास हो गया। आपके साहबरामजी, धीरजमलजी. वल्वावरमलजी तथा बनेचन्दजी नामक चार पुत्र हुए। आप सब भाइयों के हाथों से फर्म की विशेष उन्नति हुई।
सेठ साहबरामजी ने फर्म के व्यापार को विशेष उन्नति पर पहुँचाया। आपका गवर्नमेंट में भी काफी सम्मान था। आप संवत् १९७५ में स्वर्गवासी हुए। आपके स्वर्गवासी होने के बाद आपके सब भाई अलग २ व्यापार करने लगे। सेठ साहबरामजी के छगनमलजी, मूलचंदजी एवं मानकचंदजी नामक सीन पुत्र विद्यमान हैं। .. सेठ छगनमलजी का जन्म संवत् १९४६ में हुआ। आपने संवत १९७७ में भूलिया में अपनी स्वतन्त्र फर्म छगनमल साहबराम के नाम से अलग स्थापित की। आप बड़े योग्य, व्यापार कुशल तथा समझदार सज्जन है। भापके धार्मिक विचार उदार हैं। आप श्री धूलिया पांजरापोल के तथा प्राणीऔषधालय के पांच सालों तक सभापति रहे हैं। आपकी फर्म पर रुई तथा आदत का व्यवसाय होता है। आपके उत्तमचन्दजी, सींचियाकालनी, मिश्रीलालजी तथा सुवालालजी नामक चार पुत्र हैं। इनमें से उत्तमचन्दजी व्यापार में भाग लेते हैं। सेठ माणकचन्दजी के मोहनलालजी आदि पाँच पुत्र हैं।
सेठ कुन्दनजी कालुराम बापना, मंदसौर यह परिवार लगभग २०० वर्ष पूर्व पाली से हर भाषा और डेबसौ वर्षों से मन्दसोर में निवास कर रहा है। संवत् १९०१.४ में सेठ कुन्दनजी वापना के इस दुकान का स्थापन किया। आपके बाद कालरामजी ने कार्य सम्मान । वर्तमान में सेठ कालूरामजी के पौत्र सेठ ओंकारलालजी वापना इस फर्म के संचालक है। आप शिक्षित एवं उन्नत विचारों के सजन हैं। आपकी बम्बई में ओंकरलाल मिश्रीलाल के नाम से भादत की दुकान है। आपके पुत्र मिश्रीलालजी हैं। यह परिवार मन्दसोर में अच्छा प्रतिष्ठित है। भापके यहाँ हुंडी, चिट्ठी, सराफी और रुई का व्यापार होता है।