________________
बाचना
५ पुत्र हुए, इनमें जालिमचन्दजी विद्यमान हैं । आप जोधपुर के फर्स्ट क्लास वकील हैं, तथा वहाँ के शिक्षित समाज में प्रतिष्ठित माने जाते हैं।
बापना चेनकरणजी - बापना सूराजी के पुत्र फूलचन्दजी और बनेचन्दजी हुए । फूलचन्दजी ने सूराजी फूलचन्द के नाम से दुकान स्थापित की। इनके पुत्र चेनकरणजी सम्वत् १९१७ में सवा साल तक सिरोही स्टेट के दीवान रहे और इसी वर्ष ४० साल की वय में आप स्वर्गवासी हुए । चैनकरणजी के पुत्र बापना मिलापचन्दजी जेबखास महकमे में सर्विस करते थे ।
बापना चन्द्रमानजी (नेनमलजी ) -- आप बापना मिलापचन्दजी के पुत्र थे । अपने पिताजी के गुजरने पर संवत् १९५४ में आप जेबखास महकमें में नौकर हुए। इसके बाद तहसीलदार, दीवान के सरिश्तेदार और अकाउण्टन्ट आफीसर रहे। ये तहरीरी काम में बड़े होशियार थे । संवत् १९७४ की काली वदी १० को आप स्वर्गवासी हुए। सर्विस के साथ २ आप अपनी सूराजी फूलचन्द नामक फर्म का संचालन भी करते थे । यह फर्म कस्टम तथा परगनों के इजारे का काम और जागीरदारों को रकमें देने का व्यापार करती थी । आपके हुकमीचन्दजी तथा अमरचन्दजी नामक दो पुत्र विद्यमान हैं। बापना हुकमीचन्दजी का जन्म संवत् १९६० में हुआ। आप इस समय सिरोही में वकालत करते हैं और साथ ही अपनी " सूराजी फूलचन्द" नामक फर्म का बैकिंग बिजिनेस सम्हालते हैं। सन् १९२६ से आप सेंट्रल इण्डिया और मेवाड़ के कई हिस्सों के लिए एच० सी० दबानीवाला के नाम से पेट्रोल के एजण्ट हैं । बापना हुकमीचन्दजी प्रतिष्ठित और सभ्य युवक हैं। आपके छोटे भ्राता अमरचन्दजी ने पूना कॉलेज से १९३३ में एल० एल० बी० पास किया है, तथा इस समय बंगलोर में प्रेक्टिस करते हैं ।
इसी तरह इस परिवार में बापना पनेचन्दजी के पौत्र रतनचन्दजी सिरोही के शहर कोतवाल रहे । इस समय इनके पुत्र चुनीलालजी तहसीलदार हैं। बापना फत्ताजी के वंश में बापना मुल्तानमलजी और जवेरजी हैं ।
नगर सेठ प्रेमचन्द धरमचन्द बापना, उदयपुर
इस परिवार का निवास उदयपुर ही है। आप स्थानक वासी आम्नाय के मानने वाले सज्जन है। इस परिवार में सेठ प्रेमचन्दजी बड़े विख्यात और नामी पुरुष हुए ।
•
नगरसेठ प्रेमचन्दजी बापना- आपको संवत् १९०८ में तत्कालीन महाराणा श्री स्वरूपसिंहजी मे “ नगरसेट" का सम्माननीय खिताब दिया । जब आपके नगरसेठाई का तिलक किया गया था. सब
२१३