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भोलबाल जाति का इतिहास
हिस्से की गटरे' गिरती हैं, जिससे नदी का पानी बहुत गंदा हो जाता है और शहर की तन्दुरुस्ती में बहुत नुकसान होता है। भव ड्रेनेज सिस्टिम के हो जाने से नदी का पानी बहुत साफ रहेगा ।
वापना साहब और वॉटर सप्लाय वर्कस - पाठक जानते हैं कि गर्मी के दिनों में इन्दौर में पानी की कमी से बहुत बड़ा कष्ट हो जाया करता है। इस कष्ट से लोगों को जो असुविधाएँ होती हैं, उन पर यहाँ प्रकाश डालने की आवश्यकता नहीं । जनता की इस असुबिधा को सदा के लिए मिटाने के हेतु स्टेट की ओर से बापना साहिब ने बड़े २ दिग्गज इंजीनियरों की सलाह से गंभीर नदी को रोककर एक बड़ा विशाल जलाशय जिसकी लम्बाई १२ मील और चौड़ाई २ मील होगी, बनवाया है, इस जलाशय का नाम यशवंत सागर रक्खा गया है। इसके द्वारा इन्दौर में जलपूर्ति की व्यवस्था की जावेगी। इस आयोजन के सफलता पूर्वक बन जाने पर यह न केवल इन्दौर की डेढ़ लाख जनता को ही पानी दे सकेगा, चरन् दो लाख जनता हो जाने पर भी यह सफलतापूर्वक सबको पानी सप्लाय करसकेगा। इस जलाशय से सब पानी बिजली के द्वारा लाया जायगा । इस विशाल कार्य में सारा खर्च करीब ७१|| लाख रुपया होगा। यह एक ऐसा कार्य है, जिसने इन्दौर के इतिहास में बापना साहब का नाम अमर कर दिया है। कहा जाता है कि इसकी पाल में " साइफन स्पिल वे” जो होगा वह दुनियाँ में सबसे बड़ा है।
भारतीय रियासतों के प्रधान सचिवों में श्रीमान बापना साहब का बहुत ऊँचा आसन 1 कई प्रसिद्ध राजनीविश आपके बुद्धि कौशल, आपके विशाल राजनैतिक ज्ञान और उलझनों को सुलझाने वाली आपकी सूक्ष्म दृष्टि की बड़ी प्रशंसा करते हैं। कई बड़े २ ब्रिटिश अधिकारी भी आपकी योग्यता के कायक हैं। इसी से गत राउण्डटेबिल कान्फ्रेन्स के लिये आप महाराजा की जगह चुने गये थे। वहां पर आपने बड़ी योग्यता के साथ कार्य किया ।
यह कहने में तनिक भी अत्युक्ति न होगी कि बापना साहब सौजन्म की साक्षात् मूर्ति हैं । दया, सहानुभूति, उदारता आदि समुज्ज्वल गुण उनमें कूट २ कर भरे हुए हैं। हमने प्रत्यक्ष देखा है कि किसी दुखी को देख कर उनका अंतःकरण द्रवीभूत हो जाता है। खुद तकलीफ उठाकर भी वे ऐसे मनुष्य की सहायता करने में तत्पर होजाते हैं । आज पचासों विद्यार्थी आपके गुप्तदान से विद्याकाम कर रहे हैं। कई विधवाएँ आपके आश्रय पर रहती हैं। आपकी दानधारा धारा गंगा की तरह सब को एकसा फायदा पहुँचाती है। आपको जाति पाँति का पक्षपात नहीं है। जो दीन दुखी और दरिद्री हैं या जो सहायता के अधिकारी हैं आपके यहाँ से विमुख नहीं आते ।
श्रीमान बापना साहब एक महान कुल में जन्मे हैं। जैसा उनका घराना है वैसी ही उनके हृदय की विशालता है। संकीर्णता तथा जातीय विद्वेश के क्षुद्रभाव आप तक फटकने तक नहीं पाते । सब
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