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मुहणोत
वकीली करते हैं। इन्होंने सन् १९२७ में एक साल तक महकमा बन्दोवस्त में माफीयात माफीसर की काम किया था। आपके छोटे भाई पढ़ते हैं।
सेठ मिश्रीमलजी मुहणोत, ज्यावर यह परिवार सं० १९०१ तक तीन पीढ़ियों से जोधपुर में उदयचन्द बरदीचन्द के नाम से व्यापार करता रहा। वहाँ से इसी साल उम्मेदराजजी मेघराजजी दोनों माता पाली चले गये, तथा वहाँ दलाली करने लगे। इनके पुत्र कुन्दनमलजी तथा जसवन्तरायजी हुए। कुन्दनमलजी का जन्म संवत् १९०१ में हुआ। आप १९२८ में पाली से ज्यावर चले आये। पाली में आपका कपड़े का व्यापार था तथा अभी भी वहाँ इस परिवार के मकान हैं। कुन्दनमलजी का शरीरावसान् १९५३ की अषाद सुदी १ को और जसवन्तरायजी का वैशाख वदी १४ संवत् १९४० में हुआ ।
मुहणोत कुन्दनमलजी के जवानमलजी मिश्रीमलजी तथा केसरीमलजी नामक ३ पुत्र हुए, इनमें मिश्रीमलजी, जसवन्तराजजी के नाम पर दत्तक गये। मुहणोत मिश्रीमलजी का जन्म संवत् १९५० की मगसर सुदी ३ को हुआ। आपने बहुत सट्टा किया, १९५२ में कपड़े की दुकान की, पर संवत् १९०६ तक आपको विशेष लाम न हुआ। १९७६ में पन्नालालजी कांकरिया की भागीदारी में 1 लाख रुपया सह में कमाया। इस समय भी आपके यहाँ प्रधानतया सट्टे का ही काम होता है।
मुहणोत मिश्रीमलजी की धार्मिक व परोपकारी कामों की ओर अच्छी निगाह है। आप च्यावर के ओसवाल समाज में अच्छी प्रतिष्ठा रखते हैं। आपके बदे पुत्र गुलाबचम्दजी २१ साल के हैं। शेष मूलचन्दजी, लखमीचन्द तथा केवलचन्द हैं।
सेठ छोगमल हजारीमल मुहणोत इटारसी
यह परिवार मागोर (जोधपुर स्टेट ) का निवासी है। वहाँ से सेठ छोगमलजी मुहणोत संवत् १९४६ में इटारसी आये, तथा अनाज किराना और सराफी कारबार चालू किया। संवत् १९५५ में आपका शरीरान्त हुभा । आपके पुत्र सेठ हजारीमलजी मुहणोत का जन्म संवत् १९१७ में हुभा । सेठ हजारीमजी मुहणोत ने इस दुकान के व्यापार में तथा खानदान की इजत आवरू में तरकी की। आपके नाम पर सेट