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मेडारी
भंडारी फौजमाजी आप संवत् १८७७ में जालौर के हाकिम हुए। पिताजी के गुजरने पर उनके नाम की जागीरी के गांव खारिया, नींवरा तथा चावण्डिया इनके नाम पर हुए। संवत् १८८३ में इनका स्वर्गवास हुआ । इनके पुत्र सुखहराजजी के पास अपने पितामह के नामकी जागीरी के दो गांव रहे । इनको कड़ा, मोती, दुशाला आदि जोधपुर दरवार से इनायत हुआ इनका स्वर्गवास संवत् १८९० के लगभग छोटी वय में ही हो गया । भण्डारी सलहराजजी के पुत्र जसराजजी ने कोई कार्य नहीं किया तथा मौज से अपने पूर्वजों की सम्पति उड़ाई। इनके पुत्र अमृतराजजी ५० सालों तक जोधपुर स्टेट में थानेदार रहे। संवत् १९४८ में इनका शरीरान्त हुआ। आपके रूपराजजी, सोहनराजजी तथा चैनराजजी नामक तीन पुत्र हुए। इनमें बड़े दो भाई निसंतान गुजरे। इस समय भंडारी चैनराजजी की अवस्था ४८ साक की है तथा ये मेसर्स जी. रघुनाथमल बैंकर्स हैदराबाद (दक्षिण) की दुकान पर रहते हैं। इनके भी कोई पुत्र नहीं है ।
भण्डारी सम्पतराजजी करणराजजी, सोजत
ऊपर भण्डारी लूणाजी का परिचय दे चुके हैं। इनके परिवार में भंडारी धनराजजी हुए जिनकी संतानें धनराजोत भंडारी कहलाती हैं ।
भंडारी धनराजजी महाराजा सूरसिंहजी के समय में राज्य के उच्च पद पर कार्य्यं करते थे। ये सोखता में आकर रहने लगे। इनकी सातवी पीढ़ी में दयालदासजी के पुत्र विट्ठलदासजी प्रतिष्ठित व्यक्ति हुए । भंडारी विट्ठलदासजी ने तोपखाने के प्रमुख नियुक्त होकर गोड़वाद प्रान्त के घाणेराव नामक नगर को फतह किया और मारवाड़ राज्य में मिलाया । मेड़ते के पास गांगोली की घाटी की लड़ाई में भी इन्होंने बहादुरी के काम किये । इससे प्रसन्न होकर दरवार ने संवत् १९५२ की वैसाख वदी १ को इन्हें वाली और सोजत में वेरे तथा खेत इनायत किये, ये वेरे ओर खेत अभी भी इनकी संतानों के कबजे में हैं। जिस समय जोधपुर निवासी सेठ राजारामजी गढ़िया ने श्री शत्रुंजयजी का संघ निकाला था, उसमें राज की तरफ से इंतजाम के लिये भण्डारी विट्ठलदासजी भेजे गये थे । उस समय शत्रुंजय तीर्थ पर इन्होंने कोशिश कर एक पेड़ी कायम करवाई जो दूसरे नाम से इस समय मौजूद है । सम्बत् १८८२ में आप गुजरे ।
भण्डारी विट्ठलदासजी के गोविन्ददासजी और गिरधरदासजी नामक २ पुत्र हुए। गोविन्ददासजी तोफखाने के अफसर थे, आपके अमीदासजी और देवीदासजी नामक २ पुत्र हुए। भण्डारी गिरधरदासजी पचपदा के हाकिम थे। भण्डारी देवीदासजी का छोटी उम्र में ही अन्तकाल हो गया था। इनके बड़े भ्राता भण्डारी
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