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मंडारी
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सामने ही गुजर गये । भण्डारी जसराजजी के पुत्र
पुत्र 'तेजमलजी हुए । इनमें चन्दनमलजी का स्वर्गवास हो गया है।
भण्डारी दुलीचन्दजी का जन्म संवत् १९३८ में हुआ। आप गोड़वाड़ के श्रखवाल समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। सादड़ी की पंचायती में आप आगेवान व्यक्ति हैं। भण्डारी तेजमलजी तथा चंदनमलजी के पुत्र केसरीमलजी और पुखराजजी संवत् १९०८ में कोयम्बटूर गये, और वहाँ भागीदारी में जरी का व्यापार शुरू किया। इधर ६ सालों से आप लोग तेजपाल पुखराज अण्डारी के नाम से कोयम्बटूर में अपना घरू काम करते हैं । दुलीचन्दजी के पुत्र घीसूलालजी हैं।
चन्दजी तथा चन्दनमलजी और सरदारमलजी के
सेठ गुलाबचन्द मुकनमल भंडारी, चांदूर बाजार
लूणावत भण्डारी तेजमलजी लगभग १०० साल पहिले जोधपुर से चांदूर बाजार ( सी० पी० ) आये तथा यहाँ व्यापार शुरू किया। इनके पुत्र तत्रतमलजी का परिवार कलकले में, बख्तावरमलजी का हैदराबाद में तथा गुलाबचन्दजी का यहाँ चान्दूर में है । भण्डारी गुलाबचम्बजी १५ साल की लम्बी उमर पाकर संवत् १९८० में गुजरे। आप यहाँ के ओसवाल समाज में अच्छे इज्जतदार व्यक्ति थे। इनके सोनमलजी, कुंदनमलजी, जवाहरमलजी, मुकनमलजी, लखमीचन्दजी तथा पूरनमलजी नामक ६ पुत्र हुए। इनमें मुकनमलजी मौजूद हैं। आप सेठ रामलाल मूलचन्द के यहाँ मुनीमात करते हैं। आपके पुत्र मेघराजजी व केसरीमलजी हैं। इनमें केसरीमलजी, जवाहरमलजी के नाम पर दत्तक गये हैं। सोनमलजी के पुत्र बस्तीमलजी तथा चाँदमरुजी बदनूर में सेठ प्रतापमल लखमीचन्द गोठी के यहाँ सर्विस करते हैं तथा पूरनमलजी के पुत्र छोगामलजी मुगलचावड़ी में रहते हैं।
भंडारी अनोपसिंहोत, मेसदासोत, परतापमलोत और कुशलचंदोत
हम ऊपर लिख चुके हैं कि भण्डारी नराजी की पांचवी पीढ़ी में भण्डारी गोराजी हुए। इनके लूणाजी सादूलजी, सुलतानजी और जेवंतजी नामक ४ पुत्र हुए। इनमें लूणाजी की संतानें लूणावत भण्डारी कहलाई। जिनका परिचय ऊपर दिया जा चुका है । लगानी के छोटे भ्राता सादूलजी के बड़े पुत्र भीवराजजी थे। इनके पुत्र हुए जिनमें चौथे पुत्र कल्याणदासजी थे ।
भण्डारी कश्याणदासजी के अनोपसीजी, मेसदासजी, सिरदारमलजी, परतापचंदजी तथा कुशलचंदजी हुए। इन बंधुओं ने भी मारवाद राज्य की बहुत सी सेवाएँ कीं। इनकी संतानें क्रमशः अनोपसिंहोस, मेसदास्रोत, परतापमकोत और कुशलचंदोत कहलाई, जिनका परिचय नीचे दिया जा रहा है।
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