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श्रीसवाल जाति का इतिहास
तत्कालीन पोलिटिकल एजण्ट खानबहादुर इनायत हुसैन, व्हाइस प्रेसिडेण्ट तथा दीवान आदि सजनों ने आपको कई प्रशंसापत्र दिये।
___ जिस समय आप नरसिंहगढ़ में थे उस समय आपको गवालियर महाराज ने कस्टम सुपरिण्टे. ण्डेण्ट की जगह के लिये बुलाया था । मगर उदयपुर के महाराणाजी ने आपको उदयपुर बुलाकर 1 दिसम्बर सन् १९२३ में असिस्टेण्ट एक्साइज कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया। इसके पश्चात् भाप सन् १९२५ में असिस्टेण्ट कस्टम सुपरिन्टेंडेण्ट बनाये गये । तदनंतर आप कस्टम सुपरिटेन्डेण्ट और फिर सन् १९२५ में एक्साइज कमिश्नर बनाये गये । आप माज कल छोटी सादड़ी के हाकिम हैं इसी प्रकार आप अका. उटंट जनरल, तीन साल तक म्यु. मेम्बर और ऑनरेरी मजिस्ट्रेट भी रहे । आपके कार्यों से रियासत भौर दोनों बहुत प्रसन्न रहे।
मेहता सुगनलालजी का संवत् १९५० की फागुन वदी ९ को जन्म हुआ। आपबी० ए० एल०एल बी० पास हैं। वर्तमान में आप रासमी में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट हैं। आपके दिलीपसिंहजी तथा रणजीतसिंहजी नामक दो पुत्र हैं।
मेहता रामसिंहजी वेद का घराना, उदयपुर इस परिवार के पूर्वजों का मूल निवास स्थान मेड़ता (मारवाड़) का है । आप श्री जैन श्वेताम्बर मंदिर आम्नाय को मानने वाले सज्जन हैं। मेड़ता से इस परिवार के पूर्व पुरुष मेहता आलमचन्दजी उदयपुर भाकर बस गये थे। तभी से यह खानदान यहीं पर निवास करता है। इनके पुत्र उम्मैदमलजी के रिखबदासजी तथा राजमलजी नाम के दो पुत्र हुए।
मेहता राजमलजी के अम्बालालजी और रामसिंहजी नामक दो पुत्र हुए। मेहता अम्बालालजी एक अच्छे मशहूर व्यक्ति हो गये हैं। आप मेवाड़ के नामी वकीलों में गिने जाते थे। मेहता रामसिंहजी का जन्म संवत् १९३५ में हुआ। आप इस समय मेवाड़ राज्य के महकमा खास में हेड क्लर्क हैं। मापने नैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक बोर्डिङ्ग हाउस को स्थापित करने में बड़ी कोशिश की । इसी प्रकार भापने एक चाँदी का हाथी भी बनवाया जो समय र पर भगवान की रथयात्रा के काम में आता है।
आपके हिम्मतसिंहजी तथा खुमानसिंहजी नामक दो पुत्र हैं। हिम्मतसिंहजी एग्रीकलचर की तालीम पाकर इस समय असिस्टेंट सेटलमेंट आफीसर के पद पर काम कर रहे हैं। खुमानसिंहजी इस समय पढ़ रहे हैं।
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