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प्र. २४ - श्रीमहावीरस्वामीका बना नाइ और तिनकी बहिनका क्या क्या नामथा.
न - श्री महावीरस्वामीके बने नाइका नाम नंदिवर्द्धन और बहिनका नाम सुदर्शना था.
प्र. २५ - श्री महावीरके उपर तिनके माता पिताका अत्यंत रागथा के नही.
न. - श्रीमहावीरके उपर तिनके माता पिताका अत्यंत राग था क्योंकि कल्पसूत्र में लिखा है कि श्रीमहावीरजीने गर्भमे ऐसा विचार कराके हलने चलनेसें मेरी माना दुख पावे है. इस वास्ते अपने शरीरकों गर्भमेही हलाना चलाना बंघ करा. तब त्रिशला माताने गर्भके न चलनेसें मनमें ऐसें मानाके मेरा गर्न चलता हलता नही है इस वास्ते गल गया है, तबतो त्रिसला माताने खान, पान, स्नान, राग, रंग, सब बेामके बहुत या ध्यान करना शुरु करा, तब सर्व राज्यन्नवन शोक व्याप्त हुआ. राजा सिद्धार्थनी शोकवंत हुआ. तब श्रीमहावीरजीने अवधिज्ञानसें यह बनाव देखा तब विचार कराके गर्भ मे रहे मेरे ऊपर माता
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