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लंबीयां साठकोस प्रमाण सिह होतीयां है इतनी बमी नगरीको कोश्नी बुद्धिमान् गप्प नही कह सकताहै, क्योंकि पीले कालमें कनोज नगरोमें ३०००० तीस हजार उकानो तो पान वेचनेवालों की थी, ऐसे इतिहास लिखनेवाले लिखतेहै तो, सो नगर बहुत बमा होना चाहिये. अन्यन्नी इस कालमें पैकिन नंदन प्रमुख बमे बमे नगर सुने जातेहै, ..ो चौथे तीसरे आरके नगर इनसे अ. धिक बमे होवे तो क्या आश्चर्य है, और जो चारसौ गुणा तस्या एक हजार गुणा नत्सेधांगुलके योजनसें प्रमाणांगुलका योजन मानते है, वैशा स्त्रके मतसें नही है, जो श्री अनुयोगद्वार सूत्रके मूल पाठ में ऐसा पाठ है, नत्सेधांगुलसें सहस्सगुणं प्रमाणं गुलंनवति इस पाठका यह अभिप्राय है कि एक प्रमाणांगुल नत्सेधांगुलसें चारसौ गुणीतो लांबी है, और अढाइ नत्सेधांगुल प्रमाण चौमो है, और एक नत्सेधांगुल प्रमाण जामी [मोटी] है, इस प्रमाण अंगुलके जब नत्सेधांगुल प्रमाण सूची करोये तब प्रमाणांगुलके तीन
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