________________
न. जिस मूर्तिके संग स्त्रीकी मूर्ति होवे तब जाननाके यह देव विषयका नोगी था. जिस मूर्तिके दायमें शस्त्र होवे तब जानना यह मूर्ति रागी, देषी वैरीयोके मारने वाले और असमर्थ देवोकी है। जिस मूर्तिके हाथमें जपमाला होवे तब जानना यह किसीका सेवक है, तिससे कुछ मागने वास्ते तिसकी माला जपताहै.
प्र. १३ए परमेश्वरकी कैसी मूर्ति होती है?
न.-स्त्री, जपमाला, शस्त्र, कमलुसे रहित और शांत निस्टह ध्यानारूढ समता मतवारी, शांतरस, मनसुख विकार रहित, ऐसी सच्चे दे. वकी मूर्ति होतीहै.
प्र. १४० जैसे तुमने सर्वज्ञकी मूर्तिके ल कण कहेहै, तैसे लक्षण प्रायें बुझकी मूर्ति है, क्या तुम बुद्धको जगवंत सर्वज्ञ मानतेहो ?
न.-हम निकेवल मूर्तिकेही रूप देखनेसें सर्वज्ञका अनुमान नहीं करतेहे, किंतु जिसका चरितन्नो सर्वज्ञके लायक होवे, तिसकों सच्चा देव मानते है.
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com