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से ऊपर लक्षण रहित होवे, जिस कर्मके नदयॐ सो सादिया संस्थान नामकर्म ३६ जहां हाथ पग मुख ग्रीवादिक नत्तम सुंदर होवे, और हृदय, पेट, पूंठ लक्षण हीन होवै जिस कर्मके उदयसें सो कुब्ज संस्थान नामकर्म ३७ जहां हाथ पग लक्षण होन होवे, अन्य अंग लकण संयुक्त अच्छे होवे, जिस कर्मके नदयसे सो वामन संस्थान नामकर्म ३० जहां सर्व शरीरके अवयव लक्षण हीन होवे सो हुंमक संस्थान नामकर्म, ३ए जिस कर्मके उदयसे जीवका शरोर मषी, स्याही नील समान काला होवे तथा शरीरके अवयव काले होवे सो कृष्णवर्ण नामकर्म ४० जिसके नदयसें जीवका शरीर तथा शरीरके अवयव सूयकी पुत्र तथा जंगास समान नील अर्थात् हरित वर्ण होये, सो नीलवर्ण नामकर्म ४१ जिसके उदयसें जीवका शरीर तथा शरीरके अवयव लाल हिंगलुं समान रक्त होवे, सो रक्तवर्ण नामकर्म ४२ जिस कर्मके नदयसें जीवका शरीर तथा शरीरके अवयव पीत हरिताल, हलदी चंपकके फूलसमान
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