________________
६०
थन है. ३ समवायांग में एकसें लेके कोटाकोटि पर्यंत जे पदार्थ है तिनका कथन है ४. जगवती में गौतमस्वामोके करे हुए विचित्र प्रकारके ३६००० बत्तीस हजार प्रश्नो के उत्तर है. ५ ज्ञातामें धर्मी पुरुषोंकी कथा है. ६ उपाशक दशा में श्री महावीरके आनंदादि दश श्रावकों के स्वरूपका कथन है. ७ अंतगम में मोक गये ए० नव्वे जीवांका कथन है. सूत्तरोववाइमें जे साधु पांच अनुत्तर विमान मे नृत्पन्न हुएहे, तिनका कथन है. प्रश्नव्याकरण में हिंसा १ मृषावाद २ चौरी ३ मैथुन 8 परिग्रह ५ इन पांचो पापांका कथन और अहिंसा, सत्य २, अचौरी ३, ब्रह्मचर्य ४, परिग्रह त्याग ५ इन पांचो संवरोका स्वरूप क
न करा. १० विपाक सूत्र में दश दुख विपाकी और दश सुख विपाकी जोवांके स्वरूपका कथन है. ११ इति संक्षेपसें अंगानिधेय. नववा में श् बावीस प्रकारके जीव काल करके जिस जिस जगें नृत्पन्न होते है तिनका कथनादि, कोएकको बंदना विधि महावीरकी धर्म देशनादिका कथन
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com