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बूल करके बुधके एक प्रतिपक्षी के अर्थात् महावीरके शिष्यवनें और एक वार्त्ता नवीन जोम के जैनमत नामे मत खमा करा, इस कथनकों आप सत्य मानते हो के नहीं ?
क्र. - इस कथनकों हम सत्य नहीं मानते है; क्यों कि प्रोफेसर जेकोबीने आचारंग और कल्पसूत्रके अपने करे हुए इंग्लीश जाषांतरकी नपयोगी प्रस्तावना में प्रोफसर ए. वेबर और मी० ए. वार्थकी पूर्वोक्त कल्पनाकों जूठी दिखाई है; ओर प्रोफेसर जेकोबीने यह सिद्धांत अंतमे बतायाहै कि जैनमतके प्रतिपक्षीयोंनें जैन मतके सिद्धांत शास्त्रों ऊपर भरोसा रखनां चाहिये, कि इनमें जो कथन है सो मानने लायक है. विशेष देखनां होवेतो मातर बूलरसाहिब कृत जैन दंत कथाकी सत्यता वास्ते एक पुस्तकका अंतर हिस्सा जाग है, सो देख लेनां. हमबी अपनी बुद्धिके अनुसारे इस प्रश्नका उत्तर लिखते है. हम ऊपर जनमतकी व्यवस्था श्रीपार्श्वनाथजीसें लेके आज
तक लिख आहे, तिससें प्रोफेसर ए. वेबरका
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