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१०॥ देखनेसे असल स्त्रीका स्मरण होकर कामी काम पीमित होताहै तैसेही जिन प्रतिमाके देखनेसे नक्तजनोको असली तीर्थकरका रूपका स्मरण होकर नक्तोंका जिन नक्तिसे कल्याण होता है.
प्र. १५३-जिन प्रतिमाकी फूलादिसें पूजा करनेसे श्रावकॊको पाप लगताहै के नही ?
3.-जिन प्रतिमाकी फूलादिसें पूजा क. रनेसें संसारका कय करे, अर्थात् मोक्ष पद पावे; और जो किंचित् इव्य हिंसा होती है, सो कूपके दृष्टांतसे पूजाके फलसेही नष्ट होजातिहै, यह कपन आवश्यक सूत्र मेंहै.
प्र. १२५-सर्व देवते जैनधर्मी है ? न.-सर्व देवते जैनधर्मी नहीहै, कितनेकहै.
प्र. १२५-जैनधर्मी देवताकी जगती श्रावक साधु करे के नही ? ___.-सम्यग् दृष्टी देवताकी स्तुति करनी जैनमतमें निषेध नही, क्योंकि श्रुत देवता ज्ञानके विघ्नोको उर करतेहै, सम्यग् दृष्टी देवते धममे होते विनोको उर करतेहै, और को नोला
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