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प्रियचं राजा, ३५ महापुरका बलनामा राजा, ३६ सुघोस नगरका अर्जुन राजा, ३७ चंपाका दत्त राजा, ३८ साकेतपुरका मित्रनंदी राजा ३७३त्यादि अन्यन्नी कितनेक राजे श्री महावीरके नक्त थे, येह सर्व राजायोंके नाम अंगोपांग शास्त्रोंमें लिखे हुएहै.
__प्र. -जो जो नाम तुमने महावोर नगवंतके नक्त राजायोंके लिखेहै, बौधमतके शा. स्त्रोमें तिनही सर्व राजायोंको बौद्धमति लिखाहै, तिसका क्या कारणहै.
न.-जितने राजे श्रीमहावीर नगवंतके नक्त थे, तिन सर्वको बौधशास्त्रोंमें बौधमति अर्थात् बुधके नक्त नहि लिखेहै, परंतु कितनेक राजायोका नाम लिखाहै, तिसका कारणतो ऐसा मा. लुम होताहैकि पहिले तिन राजायोंने बुधका न पदेश सुनके बुधके मतकों माना होवेगा, पीले श्रीमहावीर नगवंतका उपदेश सुनके जैनधर्ममें आये मालुम होते है, क्योंकि श्रीमहावोर नग वंतसे १६ वर्ष पहिले गौतम बुधने काल करा,
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