Book Title: Itihas ki Dharohar evam Karm Prashnottari
Author(s): Pragunashreeji, Priyadharmashreeji
Publisher: Pragunashreeji Priyadharmashreeji
View full book text
________________ इस प्रकार सिद्धगिरि पर अनन्ता ही आत्माएँ मोक्ष में गई हैं। तभी तो कहा गया है कि- 'कांकरे-कांकरे सिद्ध अनन्ता / ' इस प्रकार संख्या की दृष्टि से विचार करने पर करोड़, लाख, हजार, सैंकड़ों एवं सौ तथा दशक की संख्या में भी जितने मोक्ष गए हैं उन सबके भी नाम यहाँ हैं / अत: किसी भी संख्या को शंका वृत्ति से असत्य या गलत ठहराना उचित नहीं है। इतने तो केवल शत्रुञ्जय तीर्थ पर मोक्ष गए हैं / जहाँ पर 20 तीर्थंकर भगवान मोक्ष में गए हैं ऐसे सम्मेतशिखर तीर्थ पर भी अनेक तीर्थंकर भगवन्त अनेक मुनियों के साथ एक मास का अनशन करके मोक्ष में गए हैं / इस प्रकार यह विस्तृत वर्णन पन्नवणाजी आगम में किया गया है। जितनी आत्माएँ मोक्ष में गई उतने ही जीव निगोद से बाहर निकले / ऐसे अनन्त उपकारी सिद्ध भगवन्तों का हमारे ऊपर अनन्तगुणा उपकार है / अतः हमें भी यह विचार करना चाहिये कि हम भी प्रभु के द्वारा कथित धर्म का आलम्बन लेकर यथाशीघ्र मोक्ष में जाएँ और एक जीव को निगोद वेदना से बाहर निकालें / जहाँ से अनन्तानन्त आत्माएँ मोक्ष में गई वह पावन भूमि हमें भी पावन करती है / वही हमारे लिए तीर्थ भूमि है / नवि अत्थि न 5 विय हो हि / सज्झाय समं तवो कम्मं / / स्वाध्याय के समान अन्य कोई तप न अतीत में कभी हुआ, न वर्तमान में कहीं है और न ही भविष्य में कभी होगा।